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श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में वर्षा के लिए हुआ हवन का आयोजन
नेहा सिंह तोमर
गाजियाबाद। सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में सोमवार को गायत्री जयंती मनाई गई। वर्षा की कामना से मंदिर में हवन का आयोजन भी हुआ जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने आहुति दी। गायत्री जयंती पर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गायत्री की पूजा-अर्चना की और गायत्री मंत्र का पाठ किया।
दूधेश्वर पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि गायत्री जयंती के दिन वेदों की माता गायत्री का प्राकट्य हुआ था। गायत्री मंत्र की अधिष्ठात्री मां गायत्री ही है। गायत्री मंत्र दुनिया का सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र के जाप करने से गायत्री माता के साथ भगवान विष्णु, भगवान शंकर व ब्रहमा जी की भी कृपा प्राप्त होती है, जिससे हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर में सोमवार को वर्षा की कामना से हवन का आयोजन भी किया गया। हवन मुख्य आचार्य नित्यानंद, आचार्य रोहत त्रिपाठी आचार्य विकास पांडे और आचार्य अतुल शर्मा ने महाराजश्री के पावन सानिध्य में कराया। जगत के पालनहार भगवान विष्णु, भगवान शिव और इंद्रदेव की आराधना व नाम जाप के साथ वर्षा की कामना से हवन में आहुति दी। श्री दूधेश्वर वेद विद्या पीठ के विद्यार्थियों ने भी हवन में आहुति दी।
श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि आज जो भीषण गर्मी पड़ रही है। मनुष्य ही नहीं अन्य जीव-जंतु भी गर्मी से बेहाल हैं और वर्षा भी नहीं हो रही है तो उसका कारण मनुष्य का स्वार्थी होना ही है। मनुष्य अपने स्वार्थ में अंधा होकर प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ कर रहा है, उसी का दंड आज भुगतना पड़ रहा है। इससे मनुष्य को सीख लेनी चाहिए और पेड-पौधों को काटने की बजाय अधिक से अधिक पौघे लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए। जल का दुरुपयोग करने की बजाय उसका सदुपयोग करना चाहिए।