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उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी सर्वे: ज्ञानवापी में सर्वे के लिए अधिक समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति, अब सुनवाई 8 को

Abhay updhyay
4 Sep 2023 11:21 AM GMT
ज्ञानवापी सर्वे: ज्ञानवापी में सर्वे के लिए अधिक समय मांगने पर मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति, अब सुनवाई 8 को
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ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण पूरा करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगने वाली एएसआई की अर्जी पर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध जताया है. सोमवार को मस्जिद कमेटी ने जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल करते हुए कहा कि कोर्ट में दिए गए हलफनामे के विपरीत सर्वे कराया जा रहा है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को जीपीआर तकनीक से सर्वेक्षण करने की अनुमति है, लेकिन ज्ञानवापी परिसर में कई जगहों पर खुदाई की जा रही है. ट्रक से मलबा निकाला जा रहा है. एएसआई टीम द्वारा हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे में सर्वे के लिए अधिक समय न देकर न्याय किया जाए।

एएसआई ने 56 दिन की मांग की है

इस पर जिला जज की अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तिथि तय की. इसी दिन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मूल मामले में लंबित अन्य आवेदनों पर भी सुनवाई होनी है। फिलहाल सर्वे चल रहा है। इसकी रिपोर्ट अदालत को नहीं दी जा सकी. पिछले शुक्रवार को ही एएसआई ने ज्ञानवापी का सर्वे कर उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ हफ्ते (56 दिन) का समय मांगा था।

एएसआई की ओर से स्टैंडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव ने कहा कि एएसआई ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच और सर्वेक्षण कर रहा है. पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों और अन्य तकनीकी कर्मियों की एक टीम तैनात की गई है। नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई), हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम जीपीआर सर्वे कर रही है। प्राप्त डेटा का विश्लेषण और अध्ययन भी किया जा रहा है।

एएसआई ने कहा- मलबा साफ करने में समय लग रहा है

स्टैंडिंग काउंसिल ने दायर आवेदन के जरिए कहा कि सर्वे और जांच के दौरान कई चीजें मिली हैं. ढीली मिट्टी एवं निर्माण सामग्री। ईंटें, कूड़ा-कचरा मिल रहा है। संरचनाओं की वैज्ञानिक रूप से जांच करने के लिए कार्यशील फर्श के स्तर से ऊपर मलबे आदि को साफ करने का कार्य प्रगति पर है। चूंकि अदालत ने सभी तहखानों का भूमिगत सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, इसलिए यह आवश्यक है कि वहां डंप किया गया मलबा खड़े ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाए बिना हटाया जाए। मलबा बहुत सावधानी और व्यवस्थित तरीके से हटाया जा रहा है, जो एक धीमी प्रक्रिया है. कोर्ट के निर्देश के मुताबिक सर्वे के लिए सभी बेसमेंट की जमीन खाली कराने में अभी कुछ और समय लगेगा. ऐसे में सादर अनुरोध है कि एएसआई को रिपोर्ट जमा करने के लिए आठ सप्ताह का और समय दिया जाए.

दूसरी बार समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन

एएसआई ने सर्वेक्षण को आगे बढ़ाने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दूसरी बार समय मांगा है। 21 जुलाई को जिला जज की अदालत द्वारा दिये गये आदेश में कहा गया था कि सर्वे रिपोर्ट 2 अगस्त तक उपलब्ध करायी जाये. बाद में मामला हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चला गया. 3 अगस्त को जब सर्वे जारी रखने का आदेश आया तो एसआई ने समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन किया। इसे जिला जज की अदालत ने स्वीकार कर लिया और 2 सितंबर तक सर्वे की रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया. अब एएसआई ने फिर से समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन किया है.|

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