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ज्ञानवापी केस: ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे होगा या नहीं, कुछ देर में आएगा फैसला
वाराणसी की प्रसिद्ध ज्ञानवापी में वजुस्थल को छोड़कर परिसर के सर्वे को लेकर दायर याचिका पर थोड़ी देर में आदेश आने वाला है. सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि मूल मामले में ज्ञानवापी के सीलबंद घर को छोड़कर बैरिकेडिंग एरिया का रडार सर्वे कराने के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत क्या आदेश देगी। मां शृंगार गौरी.मां श्रृंगार गौरी में ज्ञानवापी के सीलबंद गोदाम को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का रडार तकनीक से सर्वे कराने के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत शुक्रवार को आदेश सुना सकती है। मूल प्रकरण. मामले में सुनवाई पूरी हो गई है. अदालत ने आदेश के लिए फाइल सुरक्षित रख ली है।हिंदू पक्ष की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी की ओर से दिए गए इस आवेदन पर आदेश आने के बाद तय होगा कि ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराया जाएगा या नहीं. हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं का तर्क है कि सर्वे से स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी की हकीकत क्या है. सर्वे में बिना किसी नुकसान के पत्थरों, मूर्तियों, दीवारों और अन्य निर्माणों की उम्र का पता चल जाएगा। उधर, विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सर्वे कराने की अर्जी का विरोध किया है।
निगरानी अर्जी पर अब 16 अगस्त को सुनवाई होगी
गुरुवार को अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादित बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई. एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी की ओर से अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी और शवनवाज परवेज ने वकालत दायर की. अदालत ने अन्य विपक्षी दलों की उपस्थिति के लिए सुनवाई की अगली तारीख 16 अगस्त तय की है।प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ बतौर वादी पक्ष जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की है. आवेदन में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाना में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलायी गयी है. उनका दावा है कि यह स्थान हिंदू देवता शिव का है। इसमें यह भी कहा गया कि AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कुछ नेताओं ने शिवलिंग जैसी आकृति को लेकर गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. इसलिए अखिलेश, औवेसी और अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
अविमुक्तेश्वर मामले में 3 अगस्त को सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में लंबित अविमुक्तेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी आदि के मामले में सुनवाई बुधवार को टल गई। वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के कारण शोक प्रस्ताव पारित होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस मामले में अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी.दिल्ली निवासी हिंदू सेना अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और खजुरी निवासी अजीत सिंह ने अपने वकील मंगला प्रसाद पाठक और अभिषेक पाठक के माध्यम से अदालत में मामला दायर किया है। इस मुकदमे में कोर्ट से ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने, मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और सर्वेक्षण के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति के दर्शन-पूजन, राग-भोग की इजाजत देने की मांग की गई है.|