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उत्तर प्रदेश

Gorakhpur News: फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में पूरक चार्जशीट दाखिल, लगेगा गैंगस्टर

Abhay updhyay
9 Oct 2023 10:06 AM GMT
Gorakhpur News: फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण में पूरक चार्जशीट दाखिल, लगेगा गैंगस्टर
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गोरखपुर जिले में तकरीबन 200 लोगों को असलहे का फर्जी लाइसेंस देने वाले धंधेबाजों पर अब जल्द ही गैंगस्टर की तैयारी है। डीएम दफ्तर के दो असलहा बाबू और एक कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से रवि गन हाउस से फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण की जांच अब पूरी हो गई है।डीएम ने निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दे दी थी, जिसके बाद पुलिस ने पूरक चार्जशीट को कोर्ट भेज दिया। अब गिरोह के सरगना पूर्व असलहा बाबू रहे राम सिंह, अशोक गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजय गिरी पर गैंगस्टर की कार्रवाई तय मानी जा रही है। खबर है कि धंधेबाजों की अवैध कमाई से हासिल संपत्ति पर बुलडोजर भी चल सकता है।जानकारी के मुताबिक, 4 अगस्त 2019 को फर्जी शस्त्र लाइसेंस का प्रकरण सामने आया था। गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले तनवीर अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जिले में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।

तत्कालीन असलहा बाबू राम सिंंह ने इस मामले में केस दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में पता चला कि असलहा बाबू रहे राम सिंह, पूर्व असलहा बाबू अशोक गुप्ता, सेवानिवृत्त बाबू विजय प्रताप श्रीवास्तव, संविदाकर्मी अजय प्रताप गिरी भी गिरोह से जुड़े थे। नाम प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने इनके साथ ही मुख्य आरोपी गन हाउस के संचालक रवि पांडेय समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था। विवेचना में आरोप की पुष्टि होने पर विजय प्रताप, विकास तिवारी, तनवीर, शमशेर आलम, प्रणय प्रताप, शमशाद, विजय प्रताप श्रीवास्तव, आजम लारी, शाहिद अली, अशफाक अहमद, विवेक मद्धेशिया, रवि प्रताप पांडेय, राम सिंह, अशोक गुप्ता और अजय प्रताप गिरी को आरोपी बनाया। लेकिन कुछ सरकारी कर्मियों की संलिप्तता की वजह से कुछ लोगों के खिलाफ ही चार्जशीट दाखिल की गई।


20 जुलाई 2021 को तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी ने दोबारा जांच के निर्देश दे दिए। इस प्रकरण के लिए उन्होंने एसआईटी भी गठित कर दी। तब से प्रकरण में पुलिस की जांच जारी थी, जो अब पूरी हो गई है। डीएम के पास इसकी संस्तुति के लिए पुलिस ने पत्राचार किया था। अब आदेश मिल गया है और पुलिस चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। पुलिस की जांच में सामने आया था कि करीब 200 लोगों को फर्जी लाइसेंस जारी किए गए थे, लेकिन सभी की बरामदगी नहीं हो पाई थी।


कुछ आरोपियों पर हो चुकी है गैंगस्टर की कार्रवाई

डीएम के निर्देश पर मार्च 2021 में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कैंट अनिल उपाध्याय ने विजय प्रताप सिंह, विकास तिवारी, तनवीर, शमशेर आलम, प्रणय प्रताप सिंह, शमशाद, आजम लारी, शाहिद अली, अशफाक अहमद, विवेक मद्धेशिया, रवि प्रताप पांडेय अजय प्रताप गिरी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कराया। लेकिन पूरी चार्जशीट न होने की वजह से सभी आरोपियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई नहीं हो पाई।


एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति डीएम से मिल गई थी, पूरक चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। अब गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए फाइल चल रही है। जल्द ही डीएम के अनुमोदन के बाद गैंगस्टर का केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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