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चप्पल की दुकान से बन बैठा मैरिज हाउस का मालिक, रसूख भी बनाया |
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नाई ने कहा कि भू माफिया कमलेश यादव व उसके साथी दीनानाथ की अब तक 129 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया जा चुका है। पुलिस को पता चला है कि उसका मैरिज हाउस बिना नक्शा पास कराए गैर कानूनी तरीके से बनाया गया है।
भू-माफिया कमलेश यादव के सहयोगी ठग दीनानाथ प्रजापति ने जूता-चप्पल की दुकान से व्यापार की शुरुआत की और फिर कमलेश का साथ पाकर ऑटो एजेंसी, मैरिज हाउस, गेस्ट हाउस का मालिक बन बैठा। इलाके में अलग रसूख भी जमा लिया था। उसकी जिंदगी में तरक्की हुई तो जूते-चप्पल की दुकान का स्वरूप भी बदला, लेकिन उसे बंद कभी नहीं किया। दुकान शोरूम में तब्दील हो गई और अब वहां पर उसका भाई बैठता है।
वहीं, कमलेश यादव आईटीआई, डिग्री कॉलेज का मालिक बन बैठा। दोनों की इलाके में खूब चर्चा भी थी और उनके बढ़ते कद के घटने का इंतजार भी। अब पुलिस का शिकंजा दोनों पर कस चुका है। गैंगस्टर एक्ट के तहत संपत्ति जब्त हो चुकी है और बिना नक्शे के बने मैरिज हाउस, गेस्ट हाउस पर बुलडोजर की तारीख भी तय हो गई है। खबर है कि दस नवंबर को कार्रवाई हो सकती है। इसके बाद कमलेश के आईटीआई के हॉस्टल वाले हिस्से पर भी बुलडोजर चल सकता है।
जानकारी के मुताबिक, एम्स इलाके के कुसम्ही बाजार के रहने वाले दीनानाथ ने 1996 में अपने पिता मोहन व भाई के साथ मिलकर कुसम्ही बाजार में ही दुर्गा मंदिर के पास जूते-चप्पल की दुकान खोली थी। पूरा परिवार उसी दुकान पर रहता था और सब मिलकर उसे आगे बढ़ा रहे थे। ईमानदारी से शुरुआत की तो उसका फायदा भी मिला। कमाई हुई तो दीनानाथ प्रापर्टी के काम में उतर गया। 1998 में दीनानाथ ने शिवपुर चौराहे के पास एक मकान खरीदा और कुछ समय बाद उसे बेच दिया।
यहीं से छोटी-छोटी जमीनों की खरीद-फरोख्त का काम शुरू हुआ। 2011 में उसकी मुलाकात कमलेश यादव से हो गई। फौज से रिटायर होकर आए कमलेश के साथ मिलकर वह सूद का धंधेबाज बन गया। दोनों छोटे-छोटे दुकानदारों को ब्याज पर रुपये देने लगे। हालांकि, यह रकम छोटी ही होती थी। बीस हजार रुपये से अधिक किसी को नहीं दिया जाता था। इसी जाल में फंसे कई लोग सूद नहीं भर पाए तो उनकी जमीनों को दोनों ने अपने नाम करा लिया।
इसके बाद दोनों तेजी से सीलिंग की जमीनों को बेचने लगे। दीनानाथ खरीदार को फंसाकर कमलेश के पास लाता था फिर दोनों अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर जमीन बेच दिया करते थे। इसी कमाई की देन थी कि 2019 तक दोनों के जीवनशैली में बड़ा बदलाव आ गया। कमलेश यादव ने दो आईटीआई कॉलेज खोला तो दीनानाथ ने सीएनजी ऑटो की एजेंसी। फिर एजेंसी बंद कर दीनानाथ ने आशीर्वाद मैरिज हाउस व गेस्ट हाउस खोल लिया।
सैनिक की पत्नी सामने आई तो फंस गए दोनों जालसाज
वैसे तो दोनों ने कइयों से जालसाजी की थी, लेकिन सबसे पहले एक सैनिक की पत्नी अगस्त में सामने आईं। वह पुलिस आफिस पहुंची तो एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को जांच सौंप दी। जांच में पूरा खेल सामने आ गया। पुलिस ने एनाउंस कराया और जालसाजी के शिकार लोगों को खुद थाने बुलाया। एक-एक करके अब तक 31 लोगों ने दोनों आरोपियों पर जालसाजी का केस दर्ज कराया है। जिसके आधार पर गैंगस्टर का केस दर्ज कर पुलिस अब तक दोनों की 129 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर चुकी है।
सूदखोर से कॉलेज मालिक बन बैठा कमलेश...अब भू माफिया
फौज से रिटायर होने के बाद कमलेश यादव ने दीनानाथ के साथ सूदखोरी का काम किया। फिर वह सीलिंग की जमीन बेचकर करोड़पति बन गया। उसने दो आईटीआई कॉलेज खोल लिया। इतना ही नहीं वर्तमान में वह बाराबंकी में आलीशान होटल का निर्माण भी करवा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कमलेश यादव सेना में नौकरी करता था। 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद वह गांव चला आया। फिर उसने सूद का काम शुरू किया।
इससे रुपये आने के बाद उसने रसूख के दम पर 2013 में सरकारी सीलिंग की जमीन को बेचने का काम शुरू कर दिया था। इसी धंधे के आरोपी दीनानाथ के साथ मिलकर वह लोगों को जमीन बेच देता था। क्योंकि उस समय गांव चकबंदी में था, इस वजह से दाखिल-खारिज का कागज हाथ से बनता था। तहसील प्रशासन में सेटिंग करके फर्जी कागजात भी तैयार करने लगा। शुरुआत में ऐसा करने से लोगों का भरोसा उस पर हो गया और इस तरह से रुद्रपुर और बहरामपुर में लंबी चौड़ी सरकारी जमीन को बेचकर वह करोड़पति बन गया।
एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नाई ने कहा कि भू माफिया कमलेश यादव व उसके साथी दीनानाथ की अब तक 129 करोड़ की संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया जा चुका है। पुलिस को पता चला है कि उसका मैरिज हाउस बिना नक्शा पास कराए गैर कानूनी तरीके से बनाया गया है। इसकी रिपोर्ट भेजी गई है, जब्त भवन को जमींदोज करने की कार्रवाई भी पुलिस, जीडीए के साथ करेगी।