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उत्तर प्रदेश

Flood in UP: यूपी में भीषण होगी गंगा की बाढ़, खतरे की सीमा से अब 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा

Abhay updhyay
18 Aug 2023 7:33 AM GMT
Flood in UP: यूपी में भीषण होगी गंगा की बाढ़, खतरे की सीमा से अब 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा
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यूपी में गंगा के किनारे बसे शहरों में बाढ़ का खतरा तेजी से मंडरा रहा है. गंगा में लगातार बढ़ रहे पानी के कारण इसके किनारे बसे गांव डूबने लगे हैं. कानपुर,कन्नौज,फर्रुखाबाद,हरदोई,फतेहपुर,शाहजहांपुर समेत 20 से अधिक शहरों के लोगों में दहशत का माहौल है। गंगा का पानी तेजी से बढ़ने से लोगों में भय व्याप्त है।

गंगा में बाढ़ और भयावह होगी. खतरे का निशान करीब एक फुट तक धंस सकता है. शुक्रवार सुबह से नरौरा बैराज से गंगा नदी में 3.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जबकि खतरे की सीमा 2.50 लाख क्यूसेक है.

दो दिन बाद रविवार को जब तीन लाख 17 हजार 158 क्यूसेक पानी यहां से गुजरेगा तो बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति और खराब हो जायेगी. सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता ने भैंसार धाय बांध की सुरक्षा के लिए कनीय अभियंता को बाढ़ पर 31 अगस्त तक कैंप ड्यूटी के निर्देश जारी किये हैं.

शुक्रवार सुबह नरौरा बैराज से डिस्चार्ज बढ़ने की सूचना मिलने पर प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। डीएम उमेश प्रताप सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांवों पर नजर रखते हुए एडीएम वित्त एवं राजस्व को हर संभव मदद के दिशा निर्देश जारी किए हैं।

पिछले दिनों छोड़े गए 2.39 लाख क्यूसेक पानी के करीब आने के बाद ही क्षेत्र की हालत खराब हो गई है. एसडीएम महेश कैथल ने बताया कि क्षेत्र में नायब तहसीलदार टीम के साथ सक्रिय हैं। शिविरों में रहने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन के साथ-साथ राहत सामग्री भी वितरित की जा रही है।

आधी रात फिर आया मालन उफान, बस्ती में पानी घुसने से लोगों में दहशत

नजीबाबाद में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के कारण आधी रात को एक बार फिर मालन नदी उफान पर आ गई। मालन नदी का पानी सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए कच्चे तटबंध को ध्वस्त करते हुए कछियाना बस्ती में घुस गया। टीला मंदिर क्षेत्र स्थित शहर को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर करीब डेढ़ से दो फीट पानी बहने लगा। मालन नदी कटान करते हुए लगातार कछियाना बस्ती की ओर बढ़ रही है।

नदी की तेज धारा ने बस्ती के साथ ही संपर्क मार्ग और एक बैंक्वेट हॉल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है. आधी रात में नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि देख लोगों की सांसें फूल गयीं. हालांकि, चार-पांच दिन बाद नदी का जलस्तर कम होने पर लोगों ने राहत की सांस ली. बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों ने एक बार फिर शासन प्रशासन से नदी क्षेत्र में पक्का तटबंध बनाने की मांग उठाई है.

Abhay updhyay

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