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उत्तर प्रदेश

शौचालय के पाइप से मिला करीब छह माह का भ्रूण, डीएनए जांच से होगा भ्रूण के लिंग का खुलासा, पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा

Nandani Shukla
10 Dec 2024 1:57 PM IST
शौचालय के पाइप से मिला करीब छह माह का भ्रूण, डीएनए जांच से होगा भ्रूण के लिंग का खुलासा, पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा
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  • डीएनए जांच के बाद ही पता चल पाएगा भ्रूण का लिंग
  • पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा
  • पुलिस सभी किरायेदारों से पूछताछ कर सकती है

मोहसिन खान

गाजियाबाद। थाना इंदिरापुरम क्षेत्र के प्रह्लादगढ़ी में सनसनीखेज मामला सामने आया है। देवेंद्र उर्फ देवा का मकान है, जहां नौ किराएदार रहते हैं और एक ही शौचालय का उपयोग करते हैं। अचानक शौचालय का पाइप ब्लॉक हो गया था। इस पर देवेंद्र ने प्लंबर को बुलाकर पाइप कटवाया। उसके बाद जो नजारा सामने आया, उसे देखकर सब हैरान रह गए। दरअसल, शौचालय के पाइप से करीब छह माह का भ्रूण निकला है। देवा ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम की मदद से भ्रूण को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद ही यह पता चल सकेगा कि पाइप से मिला भ्रूण मेल है या फीमेल है।

सूचना पर पहुंची पुलिस को शौचालय का पाइप कटा हुआ मिला। पाइप के एक हिस्से में भ्रूण फंसा हुआ था। पुलिस भी भ्रूण को देखकर हैरान रह गई। पुलिस ने फॉरेंसिक टीम को बुलाकर भ्रूण को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देवेंद्र ने बताया कि उनके मकान में नौ मजदूर परिवार किराए पर रहते हैं। रविवार को अचानक पानी रुकने की वजह से शौचालय का पाइप काटना पड़ा, तब भ्रूण के फंसे होने की जानकारी मिली। पुलिस सभी किरायेदारों से पूछताछ कर सकती है। फिलहाल मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है।

एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि इस मकान में नौ किराएदार परिवार रहते हैं, और सभी इस शौचालय का उपयोग करते हैं। उनसे पूछताछ की गई है, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया। पुलिस ने भ्रूण को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। भ्रूण किस परिवार का है, यह पता लगाने के लिए पुलिस डीएनए जांच भी कराएगी। उन्होंने बताया कि देवेंद्र उर्फ देवा ने डायल 112 पर फोन करके रविवार रात पुलिस को अपने घर में शौचालय पाइप में भ्रूण के फंसे होने की सूचना दी थी।

डीसीपी निमिष पटिल ने बताया कि पुलिस सभी नौ परिवारों से पूछताछ कर रही है, लेकिन पूछताछ में यह पता नहीं चल सका है कि भ्रूण किसका था। जरूरत पड़ी तो मामले में संदिग्ध परिवारों की डीएनए जांच कराई जाएगी।

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