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सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सका पिता: बेटे की मौत... खबर सुनकर थम गईं पिता की सांसें, एसजीएसटी ने ट्रक ड्राइवर को रोका
कानपुर में एसजीएसटी अधिकारियों की लापरवाही के चलते लुधियाना के एक ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर पर वह कबाड़ लादकर कानपुर से लुधियाना के लिए निकल पड़े। कागजात पूरे न होने पर गुरुवार देर रात एसजीएसटी अधिकारियों ने ट्रक रोक लिया।ड्राइवर अपने बेटे की मौत की दुहाई देता रहा, लेकिन अधिकारियों ने उसे तीन दिन तक नहीं जाने दिया. ट्रक निकलने के इंतजार में रविवार को उसकी भी मौत हो गयी. ट्रांसपोर्टरों ने अधिकारियों और उनके स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, ड्राइवर के परिजन लुधियाना से शहर आने के लिए निकल पड़े हैं.ट्रांसपोर्टर संजीव दीक्षित ने बताया कि गुरुवार रात 1.30 बजे एसजीएसटी के संयुक्त आयुक्त अमित मोहन और जेसी पारसनाथ यादव ने ट्रक को रोका। उसी दिन लुधियाना में ड्राइवर के बेटे की बीमारी से मौत हो गयी. इसके बाद भी अफसरों का दिल नहीं पसीजा। मौजूद स्टाफ ने चालक से मोबाइल भी छीनकर बंद कर दिया था।
ट्रक को चेक किया तो ड्राइवर वहीं पड़ा हुआ था
देर रात करीब 3 बजे जब वह ऑफिस पहुंचे तो उन्हें सुबह आने की बात कहकर भगा दिया गया। ऑफिस में ट्रक खड़े होने की वजह से उनके ट्रक का नंबर तीन दिन बाद आया। रविवार को जब अधिकारियों ने उसे फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया। जब ट्रक की जांच की गई तो ड्राइवर वहीं पड़ा हुआ मिला. हैलेट अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
आरोप निराधार, किसी चालक को रोकने का अधिकार नहीं
एसजीएसटी के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 गुना सिंह बौनाल ने बताया कि दस्तावेजों में गड़बड़ी पाए जाने पर गाड़ी को रोक लिया गया है और जांच की जा रही है। शनिवार को ट्रक चालक को कई बार नोटिस देने के लिए बुलाया गया। फोन नहीं उठा तो अफसर मौके पर पहुंचे। ड्राइवर लेटा हुआ था और आगे बढ़ रहा था।
अधिकारियों पर निराधार आरोप
संदेह होने पर एंबुलेंस बुलाई गई और उसे हैलेट अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुना सिंह के मुताबिक एसजीएसटी अधिकारियों पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। किसी भी वाहन के चालक को रोकने का अधिकार हमें नहीं है. यदि उन्हें कोई समस्या हो तो वे जाने के लिए पूर्णतया स्वतंत्र थे।
मुख्यमंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की
वहीं, हैलट अस्पताल प्रशासन ने बताया कि बलवीर को रविवार शाम करीब 4 बजे लाया गया था, उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी. उधर, ट्रांसपोर्टर श्याम शुक्ला, नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री से शिकायत कर अधिकारियों की जांच की मांग की है।