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गली सकरी होने से मदद के लिए नहीं पहुंच सका कोई वाहन, मदद के लिए लगा रहे थे चीख
गोरखपुर में पीपीगंज हादसे के बाद आसपास के लोगों ने ही किसी तरह से मलबा को हटाया और फिर दोनों महिलाओं व मासूम को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, लेकिन दोनों महिलाओं को बचाया नहीं जा सका।
गोरखपुर जिले के पीपीगंज इलाके में जिस गली के मकान में हादसा हुआ है, वह इतनी सकरी है कि मदद के लिए कोई गाड़ी भी नहीं जा सकती। हादसा होते ही चीख पुकार मच गई थी। आसपास के लोगों ने ही किसी तरह से मलबा को हटाया और फिर दोनों महिलाओं व मासूम को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, लेकिन दोनों महिलाओं को बचाया नहीं जा सका।
हादसे में घायल मासूम हसन की चीख सुनकर सबका कलेजा फट जा रहा था। उसे लगी चोट से ही उसकी पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। वह काफी देर तक रोता रहा। बाद में जब डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया तो उसे नींद आ गई। अभी भी उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
वार्ड नंबर 19 अब्दुल हामिदनगर की गली महज ढाई फीट ही चौड़ी है। इस वजह से हादसा होने के बाद वहां पर कोई गाड़ी नहीं जा सकती थी। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने किसी तरह से भीड़ को हटाकर राहत कार्य शुरू कराया और फिर लोग बाहर निकाले जा सके।
उधर, हसन के घायल होने की सूचना पाते ही उसकी मां बेहोश हो गई थी। उसे पानी का छींटा मारकर किसी तरह से होश में लाया गया। वह बार-बार अपने बच्चे का हाल पूछ रही हैं। अभी दो दिन पहले ही बच्चे का जन्मदिन था, इस वजह से घर में कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे। सभी उसकी जिंदगी की दुआ कर रहे हैं तो वहीं दो घरों में महिलाओं की मौत से मातम छाया हुआ है।
जैकरून निशा के पति बाहर विदेश रहते हैं, उन्हें भी हादसे की जानकारी दे दी गई है। वह आने के लिए निकल चुके हैं। उनके आने के बाद ही जैकरून को दफनाया जाएगा। हादसे से पूरे मोहल्ले में मातम छाया है।