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आईएमए गाजियाबाद के डॉक्टरों ने भी अपनी ओपीडी सेवाएं बंद रख आंदोलन में दिया समर्थन
नेहा सिंह तोमर
गाजियाबाद। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पल्मोनरी मेडिसिन की रेजीडेंट डॉक्टर की नृशंस हत्या के विरोध में देश भर में डॉक्टरों में उबाल है। इस घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आईएमए गाजियाबाद के डॉक्टरों ने आज सुबह छह बजे से 24 घंटे की हड़ताल शुरू की है। डॉक्टरों ने इमरजेंसी व आंतरिक रोगी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं को बंद कर दिया। शहर के सभी निजी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब, ओपीडी सब बंद रही। इस प्रदर्शन में इंडियन डेंटल एसोसिएशन गाजियाबाद, फिजियोथेरेपी एसोसिएशन गाजियाबाद के डॉक्टरों ने भी अपनी ओपीडी सेवाएं बंद रख आंदोलन में अपना समर्थन दिया। डॉक्टरों के इस हड़ताल से सबसे अधिक मरीजों पर असर पड़ा। ओपीडी में आने वाले मरीजों को अस्पताल बंद होने से वापस जाना पड़ा। हालांकि इस दौरान आपातकाल में आने वाले मरीजों को इलाज दिया गया।
आईएमए गाजियाबाद की अध्यक्ष डॉ. वाणीपुरी रावत ने कहा कि इस घटना से देश भर के डॉक्टरों में आक्रोष और डर दोनों हैं। डॉक्टरों को रात के समय भी काम करना पड़ता है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं उनके मन में डर उत्पन्न कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आईएमए के आवाहन पर 24 घंटे का देशव्यापी आंदोलन किया जा रहा है। डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर डीएम के माध्यम से एक ज्ञापन भी केन्द्र सरकार के नाम सौंपा। इसमें मांग की गई कि सभी दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और अधिकतम सजा दिलाने के लिए त्वरित सुनवाई की जाए। डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून बनाया जाए। सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए, देश में कहीं भी काम करने वाले मेडिकल छात्रों और सभी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टरों की सुरक्षा से संबंधित सख्त नियमों को लागू करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को सशक्त बनाया जाए।