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बेहटा हाजीपुर अग्निकांड की घटना में मरने वालों की संख्या हुई 6
गाजियाबाद। बॉर्डर थाना क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर गांव में हुए अग्निकांड में मरने वालों की संख्या 6 हो गई है। आग में झुलसी उजमा 145 घंटे चली जिंदगी की जंग हार गई। रविवार रात उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। उजमा की मौत की खबर सुनते ही परिवार में फिर से मातम पसर गया। मौत की खबर सुनकर आसपास के लोग शारिक के घर पहुंचे।
एसीपी अंकुर विहार भास्कर वर्मा ने बताया कि बेहटा हाजीपुर गांव में हुए अग्निकांड में शारिक की बहन उजमा(22) आग में झुलसी थी। उजमा को दिल्ली के जीटीवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर रिपोर्ट के अनुसार, उजमा 70 से 80 फीसदी जल चुकी थी। डॉक्टरों की एक विशेष टीम उजमा का इलाज कर रही थी। इस घटना के बाद उजमा को कुछ घंटे बाद होश तो आ गया था। लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। वह परिजनों और डॉक्टर से इशारे में बात कर रही थी। करीब 145 घंटे चली जिंदगी की जंग उजमा शनिवार रात आखिरकार हार गई। एसीपी ने बताया कि परिजनों से सूचना मिली थी। इसके बाद डॉक्टर ने भी मौत की पुष्टि की है। एसीपी ने बताया कि इस अग्निकांड में पुलिस को कोई तहरीर नहीं मिली है। आग लगने के कारण की जांच दमकल विभाग कर रहा है।
बेहटा हाजीपुर गांव में शारिक परिवार के साथ रहते हैं। वह पार्किंग ठेकेदार हैं। बीते बुधवार रात उनके मकान की दोनों मंजिल में आग लग गई थी। मकान की पहली मंजिल में कारखाना था। ऊपर की मंजिल में शारिक की पत्नी फरहीन, सात माह का बेटा शीश, बहन नाजरा, जीजा फैज, भांजी इफरा, भांजा अर्ष और छोटी बहन उजमा थी। आग लगने के दौरान उजमा और अर्श को बाहर निकाल लिया था। दोनों आग में झुलस चुके थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अर्ष को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। इस अग्निकांड में फरहीन (25), शीश, बहन नाजरा (32), जीजा सैफुद्दीन (35) और भांजी इफरा (7) के शव घर के अंदर सीढ़ियों पर मिले थे। घटना के दौरान शारिक घर से बाहर किसी काम से गया था।
कारखाने से लगी आग ने ली थी जान
शारिक के मकान के नीचे वाली मंजिल में एक छोटा सा कारखाना चल रहा था। नीचे वाली मंजिल पर भारी मात्रा में फार्म के बंडल रखे थे। कारखाने में शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी और आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। दमकल विभाग को मौके से कई तरह के तेल मिले थे। हालांकि शारिक ने किसी भी कारखाने के नहीं चलने की बात कही थी।