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उत्तर प्रदेश

DDU News: विदेशी विवि के सहयोग से गोविवि शुरू करेगा ज्वाइंट एवं ड्यूल डिग्री कोर्स, समिति गठित

Abhay updhyay
2 Nov 2023 12:09 PM GMT
DDU News: विदेशी विवि के सहयोग से गोविवि शुरू करेगा ज्वाइंट एवं ड्यूल डिग्री कोर्स, समिति गठित
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यूजीसी के भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच शैक्षिक मंजूरी के तहत दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय व उत्कृष्ट विदेशी विश्वविद्यालय ड्यूल, ज्वाइंट व ट्विन डिग्री कोर्सेज कराएंगे। इसके संचालन के लिए गोविवि प्रशासन ने निदेशक शोध प्रो. दिनेश यादव के संयोजकत्व में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी है। समिति में निदेशक इंटरनेशनल सेल डाॅ. रामवंत गुप्ता सदस्य सचिव, रसायन विज्ञान विभाग के डाॅ. सचिन कुमार सिंह सदस्य तथा भौतिक विज्ञान विभाग के डाॅ. अम्बरीश श्रीवास्तव सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।

इस शैक्षणिक सहयोग विनिमय से गोरखपुर विश्वविद्यालय के होनहार छात्र, विदेशी संस्थानों के पाठ्यक्रम के माध्यम से उच्च-शिक्षा को अंतरराष्ट्रीयकरण व बहुविषयक शिक्षा की ओर ले जा सकेंगे। साथ ही विदेशी छात्रों के लिए गोविवि में अध्ययन, शैक्षणिक व बौद्धिक सहयोग आसान होगा। गोविवि ने समिति का गठन नैक मूल्यांकन में 3.78 स्कोर के साथ उक्त डिग्री के लिए अर्हता रखते हुए यूजीसी के निर्देश पर किया है। जो पालिसी-डाक्यूमेंट का निर्धारण, विनिमयन व अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग के सरलीकरण की दिशा में कार्य करेंगी।

डिग्री के ऑफर के लिए पात्र है गोविवि

यह डिग्री वे ही आफर कर सकते हैं जो देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय जो नैक मूल्यांकन में 3.01 के न्यूनतम स्कोर के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी भारतीय संस्थान या राष्ट्रीय संस्थागत रैकिंग फेमवर्क की विवि श्रेणी में शीर्ष सौ में शामिल हो। या फिर उत्कृष्ट संस्थान किसी भी ऐसे विदेशी संस्थान के साथ सहयोग कर सकता है जो टाइम्स उच्च शिक्षा अथवा क्यूएस विश्व रैकिंग के शीर्ष पांच सौ संस्थानों में शामिल हो। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को विदेशी संस्थान से 30 प्रतिशत से अधिक क्रेडिट प्राप्त करना होगा।

गोविवि कुलपति, प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को विदेश के विश्वविद्यालय में और वहां के छात्र हमारे यहां आकर शैक्षणिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ड्यूल, ज्वाइंट व ट्विन डिग्री कोर्सेज प्रारंभ किया जाएगा। इससे छात्रों के शैक्षणिक स्तर में सुधार आएगा।

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