Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

नौ साल बाद क्राइम ब्रांच का बड़ा खुलासा, आत्महत्या के पीछे रही ये वजह

SaumyaV
18 Feb 2024 12:10 PM IST
नौ साल बाद क्राइम ब्रांच का बड़ा खुलासा, आत्महत्या के पीछे रही ये वजह
x

'एक प्यार का नगमा है' जैसा गीत लिखने वाले संतोष आनंद के बेटे-बहू के सुसाइड केस में क्राइम ब्रांच ने नया खुलासा किया है। संकल्प ने जिन लोगों के सुसाइड नोट में नाम लिखे, उनके बैंक खातों में कभी पैसा नहीं भेजा गया।

मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद और उनकी पत्नी नंदिनी आनंद के आत्महत्या की नींव एक फर्जी प्रोजेक्ट के नाम पर हुए 250 करोड़ रुपये के लेनदेन ने रखी थी। यह प्रोजेक्ट था, दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस की लैब और हॉस्टल के संबंध में।

नौ साल तक चली जांच में क्राइम ब्रांच ने पाया है कि दिल्ली के रोहिणी इलाके में इंस्टीट्यूट की लैब और हॉस्टल बनाने का प्रोजेक्ट गृह मंत्रालय द्वारा मंजूर करने की लोगों से संकल्प ने बात कही। उसके निर्माण, मशीन, अन्य कामकाज का ठेका दिलाने की एवज में उसने 250 करोड़ रुपये लोगों से लिए थे, जबकि यह प्रोजेक्ट कुछ था ही नहीं, महज एक दिमागी कल्पना थी लोगों की जेब से पैसा निकलवाने की।

संकल्प, इंस्टीट्यूट में प्रवक्ता था तो उसकी बात पर लोगों को यकीन हो गया। जब लोगों को खुद से ठगी का अहसास हुआ तो मामले में संकल्प के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया। इधर, संकल्प और नंदिनी की आत्महत्या के बाद खुले इस राज के बाद गृह मंत्रालय ने भी जांच कराई। गोपनीय जांच में रुपयों के लेनदेन का मामला सही पाया गया था। पता लगा कि संकल्प ने ठेकेदारी दिलाने के नाम पर एक प्रतिशत की कमीशन पर सौदा किया था। इसके अलावा क्राइम ब्रांच ने सुसाइड नोट के आधार पर यह भी पता लगाया कि संकल्प ने किन लोगों को पैसा दिया था। संकल्प की बैंक डिटेल और मुकदमे में नामजदों की बैंक डिटेल खंगाली गई। इसमें संकल्प द्वारा किसी को भी पैसा देने का कोई रिकॉर्ड सामने नहीं आया। प्रकरण में मथुरा क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद सभी 38 आरोपियों के नाम कोई सबूत न मिलने और सुसाइड नोट में लिखे आरोपों के संबंध में सबूत न मिलने पर एफआर (अंतिम रिपोर्ट) लगाई।

एसपी क्राइम अरविंद मिश्र ने बताया कि क्राइम ब्रांच की तथ्यात्मक विवेचना में जो तथ्य सामने आए, उनके आधार पर सुसाइड नोट में लगाए आरोप नामजदों पर टिक न सके। इसके बाद एफआर लगाई गई है।

यह है मामला

मशहूर गीतकार संतोष आनंद के बेटे संकल्प आनंद, जो कि दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फॉरेंसिक साइंस में समाजशास्त्र के प्रवक्ता थे। उन्होंने 15 अक्तूबर 2014 को पत्नी नरेश नंदिनी आनंद संग कोसीकलां में कोटवन के निकट आगरा-दिल्ली इंटरसिटी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी। संकल्प आनंद की कार से 10 पेज का सुसाइड नोट मिला, जिसके आधार पर गीतकार संतोष आनंद ने कोसीकलां थाने में डीजी कमलेंद, तत्कालीन डीआईजी संदीप मित्तल सहित 38 लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए नामजद कराया था। क्राइम ब्रांच ने करीब नौ साल तक विवेचना करने के बाद आरोपों के संबंध में सबूत न पाए जाने पर एफआर लगा दी है।

Next Story