- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- क्राइम ब्रांच ने 70...
क्राइम ब्रांच ने 70 लाख की ठगी करने वाले साइबर ठग को किया गिरफ्तार, ऐसे रची साजिश
गाजियाबाद। कुशल पाल सिंह से कुल 70 लाख रुपये विभिन्न खाती में शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ट्रांसफर कराकर ठगी की गई थी। इस मामले में पीड़ित ने 23 अप्रैल को थाना साइबर क्राइम पर शिकायत दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच ने शेयर ट्रेडिंग के नाम पर ठगी करने वाले साइबर ठग को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पीड़ित के 29,57,774 लाख रुपये रिकवर करते हुए ठगी में इस्तेमाल करने वाला सामग्री भी बरामद किया है।
क्राइम ब्रांच के एडीसीपी सच्चिदानंद ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कुशल पाल सिंह निवासी गुलमोहर गार्डन राज नगर एक्टेशन थाना नन्दग्राम गाजियाबाद ने सोशल मीडिया पर शेयर ट्रेडिंग से संबंधित वीडियो सर्किंग करते समय साइबर ठगों ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप "RAM INVESTMENT ACADEMY 146" और Techstars VIP-Service-Team[33066] में जोड़ा। फिर ठगों ने उस ग्रुप के एक लिंक द्वारा कुशलपाल सिंह को "Techstars" और "UICICR" कूटरचित शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाया और ऐप पर शेयर ट्रेडिंग के लिए रजिट्रेशन करवाया। शेयर ट्रेडिंग करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से विभिन्न बैंक के भिन्न भिन्न बैंक खातों में शेयर ट्रेडिंग के लिये पैसा ट्रांसफर कराया। ऐप पर मुनाफे के रुप में एक राशि लगातार बढते क्रम में दर्शायी जाती थी। बढ़े हुए मुनाफे को निकालने के लिए और पैसा जमा करवाया जाता था। अभियुक्त गण ने शेयर ट्रेडिंग के लिए कूटरचित शेयर ट्रेडिंग एप्प "UICICR" में ICICI बैंक के नाम का प्रतिरूपण करते हुए वादी मुकदमा से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी कर पैसे वसूल लिए।
आरोपी रवि शर्मा अपने साथी सुशील शर्मा और भानु राघव, मनोज कुमार कठैत के साथ मिलकर फर्जी फर्मों के नाम पर करंट अकाउंट खुलवा कर विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को अकाउन्ट के क्रेडेन्शियल व्हाट्सअप पर भेज दिया करते थे। धोखाधड़ी की ट्रांजेक्शन इन खातों पर होती थी और ट्रांजेक्शन की OTP विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर को भेजने के लिये एक AtOtp Forwarder एप का इस्तेमाल करते थे। इस एप के माध्यम से OTP विदेश में इंटरनेट के माध्यम से चला जाता था। विदेश में बैठे फ्रॉडस्टर सम्पूर्ण ट्रांजेक्शन का 1 प्रतिशत रवि शर्मा, सुशील शर्मा, भानु राघव और मनोज कुमार कठैत को देता था। यह लोग अपने साथियों के साथ विदेशी फ्रॉडस्टरों से सीधे जुड़े हुए थे। फ्रॉडस्टर इनका हिस्सा इनके बताये हुए खाते में ट्रांसफर करते थे और पीडितों से धोखाधड़ी कर अर्जित किये गये पैसे को इनके साथी विदेश भेजते थे। इस घटना में मनोज कुमार कठैत के माध्यम से इन लोगों द्वारा कठैत फाइनेंशियल सर्विसेज देहरादून नामक फर्जी फर्म बनाकर करेन्ट अकाउन्ट पंजाब नेशनल बैंक की सहस्त्रधारा शाखा में खुलवाया हुआ था।