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आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले में आयोग ने प्रतियोगियों से मांगे साक्ष्य, दो मार्च तक आयोग कर सकते हैं मेल
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा का कथित पेपर लीक होने के मामले में आयोग ने के लिए कमेटी गठित करने के साथ ही अभ्यर्थियों से भी साक्ष्य मांगे हैं। परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था।
समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) प्रारंभिक परीक्षा-2023 के पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रतियोगियों से साक्ष्य मांगे हैं। साक्ष्य आयोग को दो मार्च तक मेल किए जा सकते हैं।
आयोग की ओर से पिछले दिनों आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। गाजीपुर के एक केंद्र पर प्रश्न पत्र का पैकेट पहले ही खोल दिया गया था। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था। प्रतियोगियों का आरोप है कि पेपर परीक्षा से पहले ही वायरल हो गया था।
इस शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए आयोग की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है। एसटीएफ से भी जांच की संस्तुति की है। इसी क्रम में आयोग की ओर से शुक्रवार को विज्ञप्ति जारी कर साक्ष्य मांगे गए हैं। उप सचिव वीरेंद्र मणि त्रिपाठी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मामले में किसी के पास कोई साक्ष्य है तो दो मार्च तक ई-मेल आईडी roaro2023info@gmail.cm पर मेल कर सकते हैं। साक्ष्य मेल करने वाले को शपथ पत्र के साथ नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर आदि विवरण भी देने होंगे।
एफआईआर कराने की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ में जनसुनवाई में हजरतगंज इंस्पेक्टर के माध्यम से पत्र सौंपकर आरओ-एआरओ पेपर लीक मामले में एफआईआर कराने की मांग की है। उनका कहना है कि परीक्षा से पहले पेपर वायरल हो गया था। उन्होंने शिकायती पत्र के माध्यम से कई मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराए हैं जिनके माध्यम से पेपर वायरल हुआ था।