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CM Yogi Adityanath बोले, त्योहार मनाएं पर नई परम्परा बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी त्योहारों के मद्देनजर सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध में मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अहम निर्देश दिए। कहा कि त्योहारों के दौरान आस्था का सम्मान किया जाए और कोई नई परंपरा शुरू करने अनुमति नहीं दी जाए।
योगी ने कहा कि चार जुलाई से पवित्र श्रावण मास का प्रारंभ हो रहा है। इससे पूर्व 29 जून को बकरीद मनाया जाएगा। स्पष्ट है कि कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। इसलिए हमें सतर्क रहना होगा। विगत दिनों रमजान माह और ईद के अवसर पर धार्मिक कार्यों से यातायात प्रभावित नहीं हुआ। इस प्रयास की पूरे देश में सराहना हुई है। इस बार बकरीद और मुहर्रम के मौके पर भी हमें यही व्यवस्था लागू रखनी होगी।
स्थानीय प्रशासन द्वारा इस संबंध में संबंधित धर्मगुरुओं, बुद्धिजीवियों से संवाद बना लिया जाए। कुर्बानी के लिए स्थान का चिन्हांकन पहले से ही होना चाहिए। विवादित जगहों पर कुर्बानी नहीं होनी चाहिए। कहीं भी प्रतिबंधित पशु की कुर्बानी न हो। हर जिले में कुर्बानी के उपरांत अपशिष्ट के व्यवस्थित निस्तारण की व्यवस्थित कार्ययोजना होनी चाहिये।
योगी ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, डीएम और पुलिस कप्तान खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। बीट स्कीम लागू करें। अवैध वाहन स्टैंड को तत्काल समाप्त किया जाए। सभी नगरों में ई-रिक्शा का रूट तय किया जाए। इनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएं।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर लगे सीसीटीवी
उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर गोताखोरों की तैनाती, कांवड़ यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी लगाई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान आवागमन बाधित न हो। त्योहारों पर आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति दें, लेकिन हर कोई नियम-कानून का पालन करे। धार्मिक यात्राओं, जुलूसों में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।
ऐसी कोई घटना न हो, जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हो। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। ग्रामीण हो या कि शहरी क्षेत्र, पर्व-त्योहारों के बीच बिजली अपूर्ति सुचारू रखी जाए। अनावश्यक कटौती की शिकायत न आए। कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की खरीद-बिक्री न हो।
धर्मांतरण पर हो सख्ती
उन्होंने हाल में देश के कई हिस्सों में अवैध धर्मांतरण की घटनाएं प्रकाश में आने का जिक्र करते हुए कहा कि गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग, चैटिंग एप के माध्यम से किशोर बच्चों के धर्मांतरण की घटना से हम परिचित हैं। एक स्थान पर मूक-बधिर बच्चे को अवैध धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया गया।
ऐसी एंटी सोशल और एंटी नेशनल घटनाओं को समय रहते नियंत्रित किया जाना बहुत आवश्यक है। आज की एक छोटी सी लापरवाही भविष्य के लिए बड़ा कैंसर बन सकती है। अवैध धर्मांतरण की कार्रवाई एक बड़े अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट द्वारा किए जाने की पुष्टि हो रही है। दिव्यांग बच्चे, नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं पर इस सिंडिकेट की विशेष नजर रहती है। इस पूरे सिंडिकेट का सफाया किया जाना आवश्यक है।