Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

Chhath Puja 2023: गोरखपुर में घर से बाजार तक उल्लास, छठ महापर्व आज से

Abhay updhyay
17 Nov 2023 6:36 AM GMT
Chhath Puja 2023: गोरखपुर में घर से बाजार तक उल्लास, छठ महापर्व आज से
x

भगवान सूर्य के प्रति आस्था निवेदित करने का महापर्व छठ पूजा शुक्रवार को नहाय-खाय से शुरू होगा। 18 नवंबर को खरना, 19 नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 20 को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ चार दिनों के पर्व का समापन होगा। चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ जुटने से बाजारों में रौनक दिखने लगी है। महानगर से लेकर गांवों तक घाटों व पोखरों की साफ-सफाई होने लगी है।

महानगर के प्रमुख बाजारों असुरन चौक, धर्मशाला बाजार, रेती चौक, बसंतपुर, घंटाघर, गोलघर, राप्तीनगर, आजाद चौक, मोहद्दीपुर समेत आसपास के इलाकों के बाजार सज गए हैं। लोग पूजा के लिए छोटी से छोटी सामग्री जुटाने में लगे हैं। छठ पूजा के लिए कोसी, पीतल या बांस का सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल, फल सहित अर्चना के लिहाज से हर सामान की खरीदारी होने लगी है। साड़ियों की दुकान पर महिलाओं की भीड़ बढ़ गई है। साथ ही इस समय चूड़ी, बिंदी सहित महिलाओं की साज-सज्जा से संबंधित दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है।


पहला दिन: नहाय खाय

छठ पर्व का आरंभ नहाय खाय से होता है। यह 17 नवंबर दिन शुक्रवार को है। इस दिन चतुर्थी तिथि का मान दिन में 11 बजकर 38 मिनट पश्चात पंचमी तिथि, पूर्वाषाढ़ नक्षत्र संपूर्ण दिन भर और रात को दो बजकर 37 मिनट, पश्चात उत्तराषाढ़ है। इस दिन धृतियोग और प्रवर्धमान नामक औदायिक योग है और इसके अतिरिक्त स्थायी योग (जय योग), रवियोग और द्विपुष्कर योग भी है। इस प्रकार इस दिन पांच शुभ योगों की स्थिति बन रही है। पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, छठ महापर्व नहाय खाय के साथ आरंभ होता है।

नहाय-खाय के अंतर्गत व्रती महिलाएं नदी, तालाब आदि में जाकर स्नान करेंगी। घर आकर खाना बनाएंगी। खाने में कद्दू व चावल बनाया जाता है। श्रद्धालु इसे कद्दू भात कहते हैं। नहाय-खाय के दिन अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी बनाई जाती है। व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करते हैं।


दूसरा दिन: खरना

छठ पर्व का दूसरा दिन खरना है। इस दिन कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि का मान सुबह नौ बजकर 53 मिनट मिनट, पश्चात षष्ठी तिथि है। इस दिन उत्तराषाढ़ नक्षत्र दिन भर और रात को एक बजकर 22 मिनट तक, इसके बाद श्रवण नक्षत्र और शूल तदुपरि वृद्धि नामक योग है। ज्योतिषाचार्य राकेश पांडेय के अनुसार, इस दिन व्रती महिलाएं उपवास करेंगी। शाम को पूजा करने के उपरांत व्रत का पारण करेंगी। व्रत खोलने में नैवेद्य और प्रसाद का उपयोग करेंगी। दिनभर उपवास रखकर शाम तक सूर्य भगवान की पूजा करने के पश्चात खीर पूड़ी का भोग लगाकर हवन किया जाता है।


तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य

यह छठ महापर्व का तीसरा दिन है। इस दिन पंचमी तिथि सुबह आठ बजकर 15 मिनट तक, पश्चात षष्ठी तिथि है। इस दिन मूल नक्षत्र दिन में 10 बजकर 34 मिनट तक पश्चिम पूर्वाषाढ़, सुकर्मा और सिद्धि नामक औदायिक योग है। ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि इस दिन व्रती दिनभर व्रत रखकर अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी। शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को तालाब या नदी में अर्घ्य देंगी। अर्घ्य दूध और जल से दिया जाता है। अर्घ्य देने के बाद सूपों में रखा सामान भगवान सूर्य और माता षष्ठी देवी को अर्पित किया जाता है।


चौथा दिन : उगते हुए सूर्य को अर्घ्य

यह दिन छठ महापर्व का अंतिम दिन है। इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और ध्रुव योग और शुभ नामक नामक औदायिक योग है। इस प्रकार सूर्य षष्ठी का महापर्व प्रवर्धमान योग से प्रारंभ होकर शुभ योग में समाप्त हो रहा है। ऐसा योग बहुत मुश्किल से प्राप्त होता है।

डॉ. जोखन पांडेय शास्त्री के अनुसार, सूर्य को परम ब्रह्म और माया षष्ठी को परा प्रकृति की संज्ञा दी जाती है। इस महापर्व पर समस्त देवगणों की अनुकंपा व्रतियों को प्राप्त होगी। इस दिन व्रती ब्रह्म मुहूर्त में नई अर्घ्य सामग्री लेकर जलाशय में खड़ी होकर अरुणोदय की प्रतीक्षा करेंगी। जैसे ही क्षितिज पर अरुणिमा दिखाई देगी, वह मंत्रोच्चार के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी। इसके बाद वह व्रत का पारण करेंगी।


अर्घ्य मुहूर्त

19 नवंबर: सायंकाल पांच बजकर 22 मिनट पर अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

20 नवंबर: सुबह छह बजकर 39 मिनट पर सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा।

सूर्यकुंड सरोवर की साफ-सफाई हुई

सूर्यकुंड धाम में सूर्यकुंड धाम विकास समिति की ओर से आयोजित 31वें छठ महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है। बृहस्पतिवार को विकास समिति के कार्यकर्ताओं ने धाम के छठ घाट सूर्यकुंड पोखरे की व्यापक साफ-सफाई की। इस दौरान वेदी बनाने के लिए सीढ़ियो को धुला गया। इसके पश्चात समिति के कार्यालय में छठ महोत्सव आयोजन समिति की एक बैठक आयोजित हुई जिसमें छठ महोत्सव के तैयारियों की समीक्षा की गई और निर्णय लिया गया कि छठ महोत्सव पर्यावरण संरक्षण को समर्पित होगा। कार्यक्रम का नेतृत्व सूर्यकुंड धाम विकास समिति के संयोजक संतोष मणि त्रिपाठी ने किया। इस दौरान धीरज सरकारी, विश्वजीत सिंह, सपना लखमानी, कनक लता मिश्रा आदि मौजूद रहे।


जिला कारागार में 30 महिला बंदी रखेंगी छठ व्रत

गोरखपुर जिला कारागार में बंद 30 महिला बंदी इस बार छठ व्रत रखेंगी। बृहस्पतिवार को जिला अपराध निरोधक कमेटी की ओर से जिला कारागार के महिला बैरक में बंदी महिलाओं में पूजन सामग्री का वितरण किया गया। इस दौरान कमेटी के उपाध्यक्ष पुष्प दंत जैन, मंत्री डॉ. हरिशंकर श्रीवास्तव, कार्यवाहक मंत्री अचिंत्य लाहिड़ी, कार्यक्रम संयोजक कनक हरि अग्रवाल, जेल सुपरिंटेंडेंट दिलीप कुमार पाण्डेय, जेलर अरुण कुमार कुशवाहा आदि मौजूद रहे।


मन्नतें पूरी करती हैं छठ माता

बशातरपुर निवासी रेखा उपाध्याय ने कहा कि छठ माता से आज तक जो भी मांगा वह मिला है। मन्नत पूरी होने का नतीजा है कि इस व्रत को रख रही हूं। यह तीन दिनों का कठिन व्रत है, लेकिन परिवार साथ हो तो सब आसान है। व्रत को लेकर पूरे परिवार में उत्साह है, अब तक सबके साथ जाया करती थी। अब अपने साथ पहचान के लोगों को भी ले जाउंगी।

छठ माता से मांगी है मन्नत

चिलमापुर निवासी रिंकी ने कहा कि छठ माता से मन्नत मांगी है कि जल्दी मेरी गोद भर जाए, इस कामना के साथ पहली बार छठ व्रत रखने जा रही हूं। परिवार में व्रत करने की परम्परा चलते आ रही है। जिसे अब मैं भी शुरू करने जा रहीं हूं। आज तक सभी को व्रत रखते देखा है अब खुद व्रत रखुंगी। व्रत को लेकर उत्साहित हूं।


छठ माता ने भर दी गोद

कुसम्ही निवासी चंद्रावती ने कहा कि छठी मईया सभी की मन्नतें पूरी करती है। मैंने भी छठ माता से मन्नत मांगी थी कि मुझे पुत्र की प्राप्ति हो और छठ माता ने मेरी मन्नत को पूरा कर दिया, जिसके बाद पहली बार छठ व्रत रहने जा रही हूं। मां के प्रति पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ इस साल पूरे विधि विधान से व्रत रहूंगी।

बच्चों की उन्नति के लिए करती हूं व्रत

खजांची निवासी सारिका ने कहा कि वर्षों से इस व्रत को लोगों को करते हुए देख रही थी। मन में कहीं ना कहीं व्रत करने की इच्छा होती थी, जो अब पूरी होने जा रही। अपने बच्चों की उन्नति के लिए यह व्रत करने जा रही हूं। व्रत के नियम कड़े है, लेकिन छठी मईया पर पूरा विश्वास है कि व्रत अच्छे से पूरा होगा और माता मन्नत भी पूरी करेंगी।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

    Next Story