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चंद्रयान 3: जो गलती पहले हुई थी वो अब नहीं, जानें चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर क्या बोले DEI के असिस्टेंट प्रोफेसर
डीईआई के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुण प्रताप सिकरवार ने बताया कि लैंडिंग भी अच्छी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग देश की बड़ी उपलब्धि है.चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. इसकी लैंडिंग भी सफल रहने की उम्मीद है। चंद्रयान-2 की लैंडिंग में असफलता के बाद वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. इस बार ऐसी व्यवस्था की गई है कि लैंडिंग के वक्त अगर कोई उपकरण गलती करता है तो उसका विकल्प रखा गया है. यह कहना है दयालबाग शिक्षण संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुण प्रताप सिकरवार का।
यह इसरो की योजना है
डॉ. सिकरवार का कहना है कि अगले चार वर्षों में देश में कई हजार स्टार्टअप और उद्यमिता खुलने की उम्मीद है। अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ेगी। सभी विश्वविद्यालय नये पाठ्यक्रम भी शुरू करेंगे. चंद्रयान-3 की सफलता के बाद देश की आय में भी बढ़ोतरी होगी. आने वाले सालों में इसरो अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों के लिए संचार उपग्रह लॉन्च करेगा।
दूसरे देशों के मुकाबले लागत कम
इसरो का खर्च नासा या अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। वैश्विक राजनीति में भी देश एक ताकत बनेगा. हमारा विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जा रहा है, माना जा रहा है कि वहां हमेशा अंधेरा रहता है. पानी की उपलब्धता भी बनी हुई है. अगर चंद्रयान-3 और भी खोजें करता है तो इसका महत्व और बढ़ जाएगा।