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उत्तर प्रदेश

इंदिरापुरम को नगर निगम को हस्तांतरित करने का मामला : ड्रोन के माध्यम से होगी संपत्तियों की जांच, जल्द उठाया जाएगा ठोस कदम

Neelu Keshari
22 May 2024 7:59 AM GMT
इंदिरापुरम को नगर निगम को हस्तांतरित करने का मामला : ड्रोन के माध्यम से होगी संपत्तियों की जांच, जल्द उठाया जाएगा ठोस कदम
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सोनू सिंह

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजना इंदिरापुरम को नगर निगम गाजियाबाद को हस्तांतरित करने के लिए जीडीए वीसी अतुल वत्स के गंभीर प्रयास अब रंग लाने लगे हैं। हैंड ओवर को अमली जामा पहनाने के लिए इंदिरापुरम में सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है और इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस सप्ताह ड्रोन के माध्यम से संपत्तियों की जांच-पड़ताल पूरी होने के बाद इस दिशा में जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।

राजधानी दिल्ली के पास गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने लगभग ढाई दशक पहले अपनी महत्वाकांक्षी योजना इंदिरापुरम लांच की थी। इस योजना को पूरी तरह विकसित करने की जिम्मेदारी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की थी जिसके बाद इसे नगर निगम गाजियाबाद को सौंपा जाना था लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी जीडीए ने इंदिरापुरम का केवल आधा-अधूरा विकास ही किया है।

इंदिरापुरम को रखरखाव और मूलभूत सुविधाओं के लिए नगर निगम को सौंपने की मांग पिछले एक दशक से की जा रही है और इस दिशा में कई बार प्रयास भी हुए हैं। परंतु हर बार जीडीए द्वारा यहां कराया गया आधा-अधूरा विकास ही इसकी राह का रोड़ा बनता आ रहा है। गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारी आधे-अधूरे विकास के साथ इंदिरापुरम को निगम को सौंपने की कवायद का विरोध करते रहे हैं। इसके चलते इंदिरापुरम में बाकी बचे विकास कार्यों के लिए पहले भी तीन बार सर्वे करवाए जा चुके हैं। इन सर्वें में सामने आया कि इंदिरापुरम को पूर्ण रूप से विकसित करने के लिए अभी यहां तीन सौ करोड़ रुपये से भी अधिक के विकास कार्य होने बाकी हैं।

नगर निगम की मांग थी कि या तो जीडीए विकास कार्यों को पूरा करें या इनपर खर्च होने वाली धनराशि का भुगतान निगम को करें। जीडीए की ओर से इस संबंध में असमर्थता जताने के चलते इंदिरापुरम के हस्तांतरण का मामला हर बार ठंडे बस्ते में चले जाता है। वहीं इस बार जीडीए वीसी अतुल वत्स ने जीडीए और नगर निगम अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाकर एक बार फिर सर्वे करा रहे है। माना जा रहा है कि इंदिरापुरम को हैंडओवर करने का मसला इस बार हल कर लिया जाएगा और लोकसभा चुनावों की आचार संहिता हटने के बाद इस संबंध में कोई ठोस फैसला हो जाएगा।

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