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उत्तर प्रदेश

मां बेटियों की मौत का मामला: 130 किलोमीटर की रफ्तार से आई ट्रेन, पलभर में उजड़ गया परिवार, चीखता रह गया रमेश

Abhay updhyay
30 Oct 2023 6:18 AM GMT
मां बेटियों की मौत का मामला: 130 किलोमीटर की रफ्तार से आई ट्रेन, पलभर में उजड़ गया परिवार, चीखता रह गया रमेश
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कंकरखेड़ा के कासमपुर फाटक पर रविवार शाम 6:54 बजे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सामने से आती दिख रही थी। हॉर्न की तेज आवाज आ रही थी। नरेश ने जैसे ही अपना ठेला फाटक के बैरियर के नीचे से निकाला तो लोग चिल्लाने लगे। ट्रेन आ रही है, रुक जाओ, लेकिन नरेश ने किसी की नहीं सुनी। चंद सेकेंड में ही 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही वंदे भारत फाटक पर पहुंच गई। नरेश तो ठेला लेकर पटरी से निकल गया, लेकिन उसकी पत्नी मोना, बेटी इशिका और चारु उसे बचाने के लिए दौड़े तो ट्रेन के सामने आ गए। भीषण टक्कर से तीनों के शव के चीथड़े उड़ गए। शरीर के अंग दूर तक बिखर गए। इस खौफनाक मंजर को देखने वालों की रूह कांप उठी।

वंदे भारत ट्रेन के आने के समय फाटक के दोनों बैरियर लगे थे। दोनों तरफ वाहनों की कतार थी। नरेश ठेले से पत्नी और दो बेटियों को लेकर पहुंचा तो वह नीचे से निकलने लगा। चश्मदीदों के मुताबिक उससे कई बाइक सवार लोगों ने मना किया कि ट्रेन की लाइट दिख रही है, अभी रुक जाओ।

नरेश ने सबकी बात अनसुनी करते हुए ठेला बैरियर के नीचे से निकाल दिया। पत्नी और दोनों बेटियां ठेले के पीछे थीं। नरेश को अंदाजा नहीं था कि सामने से आ रही ट्रेन 130 किलोमीटर की स्पीड से दौड़ रही है। पलक झपकते ही ट्रेन फाटक पर आ गई। ठेले का पिछला हिस्सा भी ट्रेन से टकराया, लेकिन नरेश तब तक पटरी से निकल चुका था।

वहीं, मोना, इशिका और चारू को लगा कि नरेश ट्रेन की चपेट में आ जाएगा, वो तीनों उसे बचाने के लिए दौड़ीं तो सीधे ट्रेन के सामने आ गईं। तीनों कई मीटर हवा में उछलती चली गईं। तीनों की मौके पर मौत हो गई। शवों के अंग बहुत दूर तक बिखर गए। फाटक पर मौजूद लोगों को कहना था कि खूब मना किया लेकिन नरेश नहीं माना। उसे पता नहीं था कि वंदे भारत कितनी स्पीड से पलभर में ही फाटक पर पहुंच जाएगी।

लोगों ने बताया कि इतना भयानक मंजर उन्होंने कभी नहीं देखा। आंखों के सामने पूरा परिवार खत्म हो गया। शव देखकर हर लोगों की आंख से आंसू बह निकले। बताया जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन रविवार को नौ मिनट की देरी से शाम 6:54 बजे आई थी।


दो घंटे तक ट्रैक के किनारे पड़े रहे शव

कासमपुर फाटक के पास हादसे की सूचना पर लोगों की भीड़ भी घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़ी। मौके पर पहुंचे लोग शवों की क्षत-विक्षत हालत देख नहीं पाए। करीब दो घंटे तक तीनों शव रेलवे ट्रैक के किनारे पड़े रहे। बाद में शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

नरेश का बेटा लूट के मामले में गया था जेल

हादसे के बाद नरेश ने बताया कि लगभग चार माह पूर्व उसके बेटे आशीष को लालकुर्ती पुलिस ने लूट के मामले में जेल भेजा था, लेकिन उसका बेटा निर्दोष है। पीड़ित ने लालकुर्ती पुलिस पर आरोप लगाए। पीड़ित के अनुसार बेटे की जमानत के लिए उसने बहन से बात की थी। इसी सिलसिले में जमानती ढूंढने के लिए बहन के यहां जा रहा था। तभी यह सब हो गया।


अब कौन करेगा देखभाल

नरेश की बदहवास हालत देखकर हर कोई यही कह रहा था कि इसका अब क्या होगा। पत्नी और दो बेटियों की मौत हो गई। बेटा जेल में बंद है। ऐसे में नरेश की देखरेख अब कौन करेगा। लोगों का कहना था कि अगर नरेश नियमों का पालन कर लेता। लोगों की सुन लेता तो उसका पूरा परिवार इस तरह से नहीं उजड़ता। पत्नी और दोनों बेटियों की जान इसलिए चली गई कि उनको लगा कि नरेश ट्रेन से टकरा जाएगा, नरेश तो निकल गया लेकिन वे तीनों मौत के मुंह में चली गईं।

शवों को देखकर बिलखता रहा नरेश

हादसे के बाद नरेश ने अपनी आंखोंं के सामने पत्नी और दोनों बेटियों के शव देखे तो वह बिलख पड़ा। नरेश शवों से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगा। बेटियों के शव देखने के बाद तो वह बेसुध ही हो गया।

फाटक के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग

भाजपा नेता संजीव मंगवाना ने रेलवे अधिकारियों से फाटक के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। भाजपा नेता ने कहा कि फाटक बंद होने के बाद भी कुछ लोग उसके नीचे से निकलकर जान को जोखिम में डालते हैं। सीसीटीवी लगने से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी। भाजपा नेता ने फाटक के पास हाईमास्ट लगाने की मांग की है। बड़ी लाइट लगने से ट्रेन दूर से भी आते हुए दिखाई देगी।

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