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Captain Shubham Gupta Last Rites: रिश्ता न नाता... बलिदान से शुभम बन गया अपना; दूरदराज से पहुंचे लोग
जम्मू के राजोरी में बलिदान हुए कैप्टन शुभम गुप्ता से एकाएक पूरे शहर का नाता जुड़ गया। भले ही उनसे कोई रिश्ता नहीं था, लेकिन जांबाज को नमन करने के लिए दूरदराज से लोग घर पहुंचे। हालत ये रही कि एयरपोर्ट से उनके घर तक सड़क के दोनों ओर लोगों का हुजूम लग गया।
कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर दोपहर ढाई बजे आगरा पहुंचने की जानकारी होने पर लोग जुटने लगे। शहर के अलावा देहात से लोग एयरपोर्ट और घर पहुंचने लगे। सेना के वाहन में जांबाज की शवयात्रा निकली तो हजारों लोग उसमें शामिल हुए। हाथ में तिरंगा लेकर लोग भारत माता जिंदाबाद, वंदेमातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा- शुभम तेरा नाम रहेगा के नारे लगाने लगे।
रुनकता से आए रामवीर सिंह सिकरवार ने कहा कि मेरा बेटा भी सेना में है और हर सैनिक से हमारा नाता है। कैप्टन शुभम के अंतिम दर्शन के लिए आया हूं। राजपुर चुंगी निवासी ऋषि सारस्वत ने कहा कि शुभम और उसके घरवालों से पहले से कोई जान-पहचान नहीं है पर देश के लिए बलिदान होने से एक अपनेपन का रिश्ता जुड़ गया है।
हाथ में तिरंगा, शुभम अमर रहे के पोस्टर लेकर पहुंचे
आरके पुरम निवासी अनीश चतुर्वेदी हाथ में तिरंगा और शुभम अमर रहे के पोस्टर लेकर दो दिन से रोज पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि वे ऑटो चलाते हैं। शुभम के बलिदान से दो दिन ऑटो भी नहीं चलाया है। जवान बेटे की मौत का गम कैसे परिजन सह रहे होंगे, ये सोचकर ही दिल बैठा जा रहा है।