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उत्तर प्रदेश

आयुष्मान योजना : मरीजों के अंगों की फोटो के अपलोड से निजता के अधिकार का हनन, डॉक्टरों में भी रोष

Neelu Keshari
10 July 2024 12:35 PM GMT
आयुष्मान योजना : मरीजों के अंगों की फोटो के अपलोड से निजता के अधिकार का हनन, डॉक्टरों में भी रोष
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लखनऊ। आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए जारी नई गाइडलाइन मरीजों पर भारी पड़ रही है। दरअसल सर्जरी के दौरान मरीजों के अंगों की फोटो चेहरे के साथ अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है जिससे उनकी निजता प्रभावित हो रही है। जानकार भी इसे मरीजों के निजता के अधिकार का हनन बता रहे हैं।

बता दें कि योजना के लाभार्थी को इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक सालाना बीमा मिलता है। इसमें भर्ती मरीजों की जांच से लेकर ऑपरेशन का खर्च शामिल होता है। एजेंसी के माध्यम से सरकार इलाज का खर्च उठाती है। कई निजी अस्पतालों ने मरीजों को फर्जी तरीके से आईसीयू में भर्ती दिखाया तो फर्जी ऑपरेशन भी दिखाकर मोटा रुपया वसूला गया। इसे देखते हुए मरीज के भर्ती के रहने के दौरान रोजाना जियो टैगिंग के साथ फोटो अपलोड करने को कहा गया।

नई गाइडलाइन के अनुसार, शर्त यह है कि मरीज के अंग तथा उसके चेहरे का फोटो होना चाहिए। सर्जरी के दौरान डॉक्टर को भी मास्क और बगैर मास्क का फोटो अपलोड करना है। मरीजों के निजी अंगों की भी सर्जरी होती है। ऐसे में उनकी निजता का हनन हो रहा है। इसे लेकर डॉक्टरों में भी रोष है। गाइनी, इंडोक्राइन और प्लास्टिक सर्जरी जैसे विभागों में महिलाओं के निजी अंगों की सर्जरी होती है। इनके फोटो अपलोड करने में समस्या ज्यादा है। महिलाओं के अंगों तथा उनके चेहरे के फोटो पर दुरुपयोग का खतरा भी रहता है।

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