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अखिलेश बोले जिले से बाहर करो, इंद्र विक्रम बोले ना ना ना
- काम के नाम आंख चुराने वाले कई स्वास्थ्यकर्मी लंबे समय से जिले में हैं तैनात
- प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना में आवेदन लंबित
- दो साल से फील्ड में जाकर नहीं कर रहे सर्वे
गाजियाबाद। योगी सरकार में अखिलेश की कम चल रही है। बात चल रही है सीएमओ डॉ. अखिलेश सिंह की। हाल ही में सीएमओ ने 14 स्वास्थ्यकर्मियों को जिले से बाहर भेजने का प्रस्ताव डीएम के पास भेजा लेकिन डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने खारिज कर दिया। सीएमओ फिर भी उक्त को जिले से बाहर भेजने की कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में तैनात चार बीपीएम समेत 14 स्वास्थ्यकर्मियों को जिले से बाहर भेजने की तैयारी चल रही है।
पिछले कई साल से ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर के पद पर तैनात उक्त अधिकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। दो महीने पहले सीएमओ ने चारों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पूरी रिपोर्ट बनाई गई। जिला स्वास्थ्य समिति के उक्त को अन्य जिलों में भेजने का प्रस्ताव रखा गया। समिति ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। इस प्रस्ताव के बाद स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों की नींद उड़ गई है। पता चला है कि लोनी, रजापुर, मुरादनगर और भोजपुर ब्लॉक में तैनात उक्त चार बीपीएम, चार बीसीपीएम,चार डाटा आपरेटर और दो बीएएम की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं के साथ विभाग की कई कल्याणकारी योजनाएं उक्त की लापरवाही के चलते प्रभावित हो रही हैं। समिति के अध्यक्ष ने फिलहाल प्रस्ताव को स्थगित करते हुए सुधार का मौका दिया गया है। बीपीएमयू प्रत्येक ब्लॉक में कार्यरत है।
सीएमओ का कहना
चार विकास खंडों में तैनात चार बीपीएमयू पिछले कई साल से हैं। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फील्ड में कार्य नहीं किया जा रहा था। जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष चार बीपीएम समेत 14 स्वास्थ्यकर्मियों को अन्य जिलों में भेजने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा गया था। समिति ने फिलहाल इस प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है। बैठक बुलाकर उक्त सभी स्वास्थ्यकर्मयों को कार्यप्रणाली में सुधार का मौका देते हुए फील्ड में कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। - डा. अखिलेश मोहन ,सीएमओ