Begin typing your search above and press return to search.
उत्तर प्रदेश

'मिलावट' की जांच में 'मिलावट': आरसी जारी...फिर भी मिलावटखोरों से यारी, न जुर्माना जमा और न ही लाइसेंस निरस्त

Abhay updhyay
4 Nov 2023 7:39 AM GMT
मिलावट की जांच में मिलावट: आरसी जारी...फिर भी मिलावटखोरों से यारी, न जुर्माना जमा और न ही लाइसेंस निरस्त
x

त्योहार से पहले मिलावटी मेवे, मिठाई आदि की हो रही जांच भी मिलावटी ही है। नमूने फेल होने के बाद भी मिलावटखोरों पर कार्रवाई नहीं की जाती। ऐसे दुकानदार धड़ल्ले से अपने उत्पाद बेचते रहते हैं। पिछले पांच साल में 337 मिलावटखोरों को आरसी जारी कर दो करोड़ छह लाख से अधिक का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन 73 दुकानदारों से केवल 53 लाख ही वसूले जा सके।

नियम यह है कि अगर कोई दुकानदार आरसी जारी होने के बाद भी जुर्माना नहीं भरता है तो उसका लाइसेंस निरस्त करना चाहिए। जुर्माना भरने के बाद लाइसेंस बहाल किया जाता है, लेकिन 264 मिलावटखोरों ने न तो जुर्माना भरा और न ही इनके लाइसेंसों पर आरी चली। दीपावली का त्योहार आते ही खाद्य विभाग टीमें गठित कर फिर से छापेमारी तेज कर दी गई है। दुकानों पर पहुंचकर खोया, मिठाई, मिर्च पाउडर, बेसन, दूध, पनीर, आदि खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जा रहे हैं।


न तो जुर्माने की वसूली हो पाती है और न ही विधिक कार्रवाई की जाती है

हालांकि इस कार्रवाई भर से लोगों को निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जब तक इन नमूनों की रिपोर्ट आएगी तब तक, ये उत्पाद खप चुके होंगे। वैसे तो नमूनों की रिपोर्ट 14 दिन में आ जानी चाहिए, लेकिन लग जाते हैं महीनों। इसके बाद कार्रवाई के नाम पर जुर्माना लगा दिया जाता है। हालांकि न तो जुर्माने की ठीक से वसूली हो पाती है और न ही कोई विधिक कार्रवाई की जाती है। विभाग की इस तरह की कार्रवाई मंशा पर सवाल खड़े करती है।

यह है जांच की प्रक्रिया

खाद्य एवं औषधि विभाग खाद्य एवं पेय पदार्थ को लेकर दुकानों में छापेमारी करता है। नमूने लेकर जांच के लिए लैब भेजता है। नमूने की रिपोर्ट आने का समय 14 दिन है, लेकिन महीनों लग जाते हैं। जिनका नमूना अधोमानक या खाने योग्य नहीं होता है, उन दुकानदारों के खिलाफ एडीएम सिटी कोर्ट में वाद दायर किया जाता है। इसके बाद कोर्ट में सुनवाई चलने के बाद जुर्माना तय होता है। जुर्माना न जमा करने वालों को विभाग आरसी जारी करता है और तहसीलदार को राजस्व की भांति जुर्माना वसूलने के लिए दुकानदारों की सूची दी जाती है। दुकानदार जब तक जुर्माना नहीं जमा करता है, तब तक उसका लाइसेंस निरस्त रहता है।

केस: एक

कर्रही रोड स्थित मिठाई की दुकान हरि ओम ट्रेडर्स की दुकान का मिठाई का नमूने फेल हुआ था। एडीएम सिटी कोर्ट में वाद दायर होने के बाद करीब एक लाख का जुर्माना लगाया गया। एक वर्ष बाद भी जुर्माना नहीं जमा किया तो आरसी जारी की गई लेकिन लाइसेंस नहीं निरस्त किया गया।

केस: दो

सिविल लाइंस स्थित मेसर्स रबड़ी भंडार की दुकान का वर्ष 2018 में नमूना फेल आया था। करीब एक लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था। आज तक इनसे न तो जुर्माना वसूला गया और न ही इनके खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की गई।

क्या कहता है नियम

एडवोकेट जितेंद्र कुमार ने बताया कि नमूना फेल होने पर एडीएम सिटी कोर्ट में जुर्माना लगाया जाता है। तय समय में दुकानदार जुर्माना नहीं जमा करता है तो राजस्व विभाग से वसूली के निर्देश दिए जाते हैं। इसके बाद भी दुकानदार जुर्माना नहीं देता है तो उसके बाद आरसी जारी करने के साथ लाइसेंस निरस्त करने और कुर्की करने का अधिकार विभाग को होता है।

विभाग से आरसी जारी होने के बाद जुर्माना वसूली की जिम्मेदारी अमीनों की होती है। पांच साल में कई बार नोटिस तो जारी की गई हैं लेकिन किसी का लाइसेंस नहीं निरस्त किया जा सका है। जल्द ही सभी का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। -विजय प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त खाद्य एवं औषधि प्रशासन

आरसी जारी करने के साथ लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है। अगर नहीं किए गए हैं तो फिर अफसरों की लापरवाही है। इसकी जांच कराकर मिलावटखोरों का लाइसेंस निलंबित कराया जाएगा।

Abhay updhyay

Abhay updhyay

    Next Story