- Home
- /
- मुख्य समाचार
- /
- जरदारी दूसरी बार बन...
जरदारी दूसरी बार बन सकते हैं पाकिस्तान के राष्ट्रपति, शहबाज शरीफ संभालेंगे प्रधानमंत्री की कुर्सी
इमरान खान की पार्टी पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पीटीआई की सरकार नहीं बन पाएगी।
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएमएल-एन और पीपीपी में गठबंधन के बाद अगर स्थिति में बदलाव नहीं होता है तो देश में पीएमएल-एन पार्टी का प्रधानमंत्री और पीपीपी का राष्ट्रपति देखने को मिलेगा। मंगलवार रात को सभी को चौंकाते हुए नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का एलान किया।
पीएमएल-एन के साथ गठबंधन को लेकर जरदारी कर रहे थे लगातार बैठकें
आठ फरवरी को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव में खंडित जनादेश मिला था और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में पाकिस्तान में गठबंधन सरकार का बनना तय था। इमरान खान की पार्टी पीटीआई द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन नेशनल असेंबली की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पीटीआई की सरकार नहीं बन पाएगी। पीपीपी अध्यक्ष जरदारी (68 वर्षीय) साल 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में बीते दिनों ऐसी खबरें आ रहीं थी कि पीएमएलएन के साथ गठबंधन सरकार बनाने को लेकर पीपीपी में दो फाड़ है और खुद बिलावल भुट्टो जरदारी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन असिफ अली जरदारी गठबंधन करने के पक्ष में थे और लगातार पीएमएल-एन नेतृत्व के साथ बैठकें कर रहे थे।
इसी महीने के अंत में पद छोड़ेंगे आरिफ अल्वी
पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी इस महीने के अंत तक अपना पद छोड़ने वाले हैं। पीएमएल-एन ने मंगलवार रात पार्टी प्रमुख और तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बजाय उनके भाई 72 वर्षीय शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया। 74 वर्षीय नवाज़ शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की कोशिश में थे और ब्रिटेन में स्व-निर्वासन समाप्त कर पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान लौटे थे।
पीएमएल-एन और पीपीपी ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू), आईपीपी (इस्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी) और बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के साथ मिलकर केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया है।