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काँग्रेस का कमजोर संघठन, बीजेपी के मजबूत गढ़ को ध्वस्त कर पायेगा? गाजियाबाद सीट पर भी भाजपा को मिला वाक ओवर!

सम्पादक
25 April 2024 2:53 AM GMT
काँग्रेस का कमजोर संघठन, बीजेपी के मजबूत गढ़ को ध्वस्त कर पायेगा?  गाजियाबाद सीट पर भी भाजपा को मिला वाक ओवर!
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बीजेपी 2014 का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए लड़ रही है। काँग्रेस-ब्राह्मण वोटों पर नजर बसपा- राजपूतों वोटों का भरोसा THA मैं नहीं है कोई अस्पताल! वसुंधरा मे खेल के स्टेडियम की माँग!

राजकुमार चौधरी

गाजियाबाद। देश की राजधानी दिल्ली से सटी गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी विरोध के बावजूद बढ़त बनाए हुए हैं। इस सीट को भारतीय जनता पार्टी की सुरक्षित सीट के तौर पर माना जाता है। चुनावी समीकरण भी यहां भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में हैं। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी का कमजोर संगठन भाजपा को वॉक ओवर देता हुआ दिख रहा है।

इतिहास के पन्नों को पलट यह तो पता लगता है की गाजियाबाद भारतीय जनता पार्टी के मजबूत गढ़ के तौर पर स्थापित रहा है। एक स्थानीय कॉलेज में प्रोफेसर रहे रमेश चंद तोमर यहां से चार बार सांसद रहे हैं। 2014 में इस सीट पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की निगाह लगी। प्रोफेसर रमेश चंद तोमर का टिकट काटकर भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया। वे यहां से बेहद आसानी से चुनाव जीते और देश के गृहमंत्री बने। 2019 में जनरल वीके सिंह को गाजियाबाद से भारतीय जनता पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया और वह रिकॉर्ड मतों से जीतकर लोकसभा पहुंचे उनकी जीत देश की दूसरी सबसे बड़ी जीतो में शुमार है। इस बार पार्टी ने जनरल बीके सिंह का टिकट काटकर गाजियाबाद के मौजूदा विधायक अतुल गर्ग को उम्मीदवार बनाया है अतुल गर्ग अपनी जीत को लेकर आशान्वित हैं। इस सीट पर तकरीबन 23 लाख से अधिक मतदाता है।गाजियाबाद, लोनी, साहिबाबाद, धौलाना और मुरादनगर है l पांचो विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है गाजियाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष ममता त्यागी हैं। ये भी भारतीय जनता पार्टी के दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी है। यदि गाजियाबाद के मेयर की बात करें तो सुनीता दयाल रिकार्ड मतों से जीत कर चुनी गई है। ये समीकरण बताने के लिए काफी हैं कि गाजियाबाद लोकसभा सीट फिलहाल भारतीय जनता पार्टी की सुरक्षित सीटों के तौर पर स्थापित है।

गाजियाबाद को पिछले तीन दशकों से समझने वाले राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि यह इलाका भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देने वाले क्षेत्र में शुमार रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाला मुख्य मार्ग गाजियाबाद से होकर जाता है। देश की आजादी में गाजियाबाद का अहम योगदान रहा है। क्रांतिकारी दुर्गा भाभी यहीं पर निवेश निवास करती थी। एक दौर था जब देश के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह यहां की अदालत में वकालत किया करते थे। समाजवादी विचारधारा के कई पुरोधा इस क्षेत्र में दिए हैं।

यह भी सच है कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक नेता यही से है। वे भारतीय जनता पार्टी के चार-चार बार सांसद चुने गए। एक राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए वे कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने गौतम बुद्ध नगर सीट से टिकट भरा। एक बार चुनाव लड़े। दूसरी बार फिर टिकट मांगा, प्रत्याशी बने और मतदान से ऐन पहले 2019 मे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें राजनीति में लोग रणछोड़ तोमर यानी रमेश चंद तोमर के नाम पर याद करते हैं।

अब मौजूदा चुनाव की बात करते हैं।

बीजेपी ने गाजियाबाद से अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया है। अतुल गर्ग के पिता गाजियाबाद के मेयर रहे हैं। ये दो बार विधायक और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। 2017 में बसपा प्रत्याशी सुरेश बंसल और 2022 में सपा के विशाल शर्मा को गर्ग ने करीब 1 लाख वोटों से हराया है। क्योंकि ठाकुर जनरल बीके सिंह का टिकट काटकर इनको मिला है इसलिए ठाकुर बिरादरी इनका मूक विरोध कर रही है लेकिन फिर भी भारतीय जनता पार्टी मोदी के दम पर ही बढ़त बनाए हुए हैं।

उधर सपा-कांग्रेस गठबंधन कोटे से यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस ने इस सीट से ब्राह्मण चेहरे डॉली शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। डॉली शर्मा 2019 में भी चुनाव लड़ चुकी हैं लेकिन तब वह तीसरे नंबर पर रही थीं। डॉली शर्मा की गिनती युवा कांग्रेस नेताओं में होती है।2017 में राजनीतिक पारी शुरू करने वाली डॉली शर्मा निकाय चुनाव भी लड़ चुकी हैं लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था।

वही बसपा ने गाजियाबाद से नंदकिशोर पुंडीर को प्रत्याशी बनाया है। पहले पार्टी ने यहां से अंशय कालरा को टिकट दिया था। यदि यहां के जातिगत समीकरणों की बात करें तो 23 लाख के करीब मतदाताओं में ठाकुर,ब्राह्मण, जाट, त्यागी मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या है। धौलाना के साथ 84 यानी ठाकुरों के 84 गांव इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। इन इलाकों में भाजपा प्रत्याशी अतुल को थोड़ी टेंशन है लेकिन विकल्प नहीं होने की वजह से टेंशन से उबर जाएंगे।

हालांकि साहिबाबाद सीट पर खोड़ा कॉलोनी में पानी की समस्या प्रबल बनी हुई है। इस वजह से बेहतर पार्टी का विरोध है लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता दावा कर रहे हैं की ढाई सौ करोड रुपए के परियोजना यहां के लिए लागू कर दी गई है। चुनाव के तुरंत बाद प्रधानमंत्री पेयजल योजना के तहत यहां पानी की व्यवस्था की जाएगी। इस कॉलोनी में 12 लाख से अधिक की आबादी है जिनमें बड़ी संख्या में वोटर है।

साहिबाबाद से भारतीय जनता पार्टी के सुनील शर्मा विधायक हैं ।यह सीट 403 विधानसभा सीटों में सबसे अधिक मार्जिन से जीती गई सीटों में शुमार है। इसी के दम पर सुनील शर्मा को योगी कैबिनेट में शामिल किया गया है।

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