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दिल्ली का जल बोर्ड घोटाला क्या है, जिसमें ईडी ने केजरीवाल को भेजा समन? शराब घोटाले से कितना अलग, जानें

Shashank
18 March 2024 12:33 PM IST
दिल्ली का जल बोर्ड घोटाला क्या है, जिसमें ईडी ने केजरीवाल को भेजा समन? शराब घोटाले से कितना अलग, जानें
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दिल्ली में एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। शराब घोटाले के बाद अब दिल्ली जल बोर्ड का घोटाला सुर्खियों में है। इन दोनों घोटालों की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक आ चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में नौवां और जल बोर्ड घोटाले में पहला समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। लेकिन अरविंद केजरीवाल इन दोनों समन पर ईडी कार्यालय में पेश नहीं हुए। शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार के कई मंत्री जेल में बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ जल बोर्ड में टेंडर बांटने में गबन का आरोप लग रहा है। इसी मामले में ईडी दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

क्या है जल बोर्ड घोटाला

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया। ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे। कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था।

यह ठेका इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। ईडी ने इस मामले में गत 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।

उधर ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुबंध दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को देने का आरोप लगाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के तौर पर भी पैसा दिया गया। बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य लोगों के यहां छापेमारी की थी।

जानें क्या है शराब घोटाला मामला

कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।

अभी तक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?

दिल्ली शराब नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही दोनों एजेंसियां सीबीआई और ईडी अब तक 15 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता संजय सिंह, मनीष सिसोदिया, विजय नायर, समीर महेंद्रू, अरुण रामचंद्रन, राजेश जोशी, गोरन्तला बुचिबाबू, अमित अरोड़ा, बेनॉय बाबू (फ्रांसीसी शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के महाप्रबंधक), पी सरथ चंद्र रेड्डी, अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रमोटर, व्यवसायी अमनदीप धाल और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली शामिल हैं। अब इस मामले में आप संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है। अब तक पूछताछ के लिए ईडी नौ समन जारी कर चुकी है। वहीं ईडी ने कोर्ट में शिकायत दी तो अब मुख्यमंत्री जमानत पर बाहर हैं।

घोटाले की जांच कैसे शुरू हुई?

इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की।

बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।

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