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यूपी -पाक्सो, दुष्कर्म व हत्या के आरोप 3 दिन में होंगे तय, योगी सरकार ने जीरो टालरेंस नीति के तहत उठाए कदम

उत्तर प्रदेश में गंभीर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और गंभीर हो गई है। सरकार ने इस संबंध में अपनी जीरो टालरेंस नीति से एक कदम आगे बढ़कर आपरेशन कन्विक्शन (अपराधियों को सजा दिलवाना) शुरू किया है। इस आपरेशन के अंतर्गत पाक्सो एक्ट के समस्त अभियोगों के अतिरिक्त दुष्कर्म हत्या लूट डकैती मतांतरण और गोकशी जैसे अपराधों की पैरवी को शामिल किया गया है।गंभीर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और गंभीर हो गई है। सरकार ने इस संबंध में अपनी जीरो टालरेंस नीति से एक कदम आगे बढ़कर आपरेशन कन्विक्शन (अपराधियों को सजा दिलवाना) शुरू किया है।इस आपरेशन के अंतर्गत पाक्सो एक्ट के समस्त अभियोगों के अतिरिक्त दुष्कर्म, हत्या, लूट, डकैती, मतांतरण और गोकशी जैसे अपराधों की पैरवी को शामिल किया गया है। इसकी निगरानी आला अधिकारी करेंगे।पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश पर पुलिस की तरफ से आपरेशन कन्विक्शन योजना के तहत उक्त अपराधों में लिप्त अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध वैज्ञानिक विधि से साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई की जाएगी।पाक्सो एक्ट के समस्त अपराध के अतिरिक्त उपरोक्त श्रेणी के 20-20 अपराधों को चिह्नित किया जाएगा। इनसे संबंधित मुकदमों में उत्कृष्ट व समयबद्ध विवेचना पूरी कराकर आरोप पत्र न्यायालय को भेजा जाएगा।आरोप पत्र भेजे जाने के बाद तीन दिनों में आरोप तय कर 30 दिनों के अंदर ट्रायल की कार्यवाही पूरी कराई जाएगी। इसके अलावा गवाहों को समय से न्यायालय में प्रस्तुत करने का दायित्व संबंधित थाना प्रभारी, कमिश्नरेट व जिला प्रभारी का होगा।अभियान के तहत जिला प्रभारी मानीटरिंग सेल की बैठक में न्यायाधीश से समन्वय स्थापित कर चिह्नित अभियोगों की सुनवाई दिन-प्रतिदिन फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराए जाने का प्रयास करेंगे। मुकदमों में परीक्षण रिपोर्ट को एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने के लिए पुलिस स्वयं विधि विज्ञान प्रयोगशाला से समन्वय स्थापित करेगी।इन मुकदमों की पैरवी की मानिटरिंग के लिए एक राजपत्रित अधिकारी की देखरेख में मानटिरिंग सेल गठित की जाएगी। इन मुकदमों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय पर एक वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है।