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वाराणसी लोकसभा का अनसुना राजनीतिक सफर! यहाँ से दो मुख्यमंत्री भी चुने गए।

सम्पादक
14 May 2024 2:22 AM GMT
वाराणसी लोकसभा का अनसुना राजनीतिक सफर!  यहाँ से दो मुख्यमंत्री भी चुने गए।
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वाराणसी: लोकसभा चुनाव चुनाव चल रहे हैं, 4 चरण का मतदान हो चुका है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा से तीसरी बार नामांकन करने जा रहे हैं। इसे बनारस या काशी भी कहते है।

वाराणसी अपनी संस्कृति, खानपान, मंदिर, घाटों, संगीत बहुत सी बातों के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

वैसे तो काशी देश की सांस्कृतिक राजधानी है और हमेशा चर्चाओं में रहती है परन्तु 2014 से राजनीतिक बजह से भी चर्चाओं में है।

कई दिग्गज राजनेता यहाँ से चुने गए किन्तु पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गाँधी के बाद तीसरे प्रधानमंत्री बने जिसने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई। इसके साथ ही वाराणसी ने अपना पहला प्रधानमंत्री दिया।

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा है, जिसमें रोहनिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी और सेवापुरी हैं। 4 विधानसभा सीट बीजेपी के पास और एक रोहनिया सहयोगी पार्टी अपना दल के पास है।

1952 से लेकर 2019 तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हुए जिसमें 7 बार काँग्रेस और 7 बार भाजपा जीती है। 1967 में CPI(M) के सत्य नारायण सिंह, 1977 मे जनता पार्टी से चंद्र शेखर सिंह (चंदौली) विजयी हुए और 1989 मे पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री ने जनता दल से दर्ज की।

रघुनाथ सिंह, काँग्रेस (1952,1957,1962)

ये अपनी सादगी के लिए जाने जाते थे और उन्होंने कई पुस्तकें लिखी।

राजा राम शास्त्री (1971)

ये शिक्षाविद थे और काशी विद्यापीठ के कुलपति भी रहे।

कमलापति त्रिपाठी (1980)

काँग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। ये 1969 से 1970 तक प्रदेस के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र मे रेल मंत्री भी बने।

श्याम लाल यादव (1984)

ये यूपी में मंत्री भी रहे, राज्य सभा के उपसभापति भी रहे।

श्रीश चंद्र दीक्षित(1991)

ये IPS अफसर थे और DGP यूपी भी रहे।

शंकर प्रसाद जैसवाल (1996,1998,1999)

ये काँग्रेस के रघुनाथ सिंह के बाद दूसरे तीन बार सांसद चुने गए।

राजेश मिश्रा (2004)

अब ये बीजेपी मे है।

मुरली मनोहर जोशी (2009)

मशहूर शिक्षाविद ,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री भी रहे।

नरेंद्र मोदी (2014,2019)

RSS के प्रचारक रहे, बीजेपी संगठन में रहे, तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। 2014 से लगातार देश के प्रधानमंत्री है। इस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने 5,81,022 वोट प्राप्त किए, उन्होंने आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को 3,71,784 वोटों से हराया, काँग्रेस के प्रत्याशी अजय राय तो अपनी ज़मानत भी नहीं बचा पाए। मोदी वाराणसी के साथ साथ बड़ोदरा लोकसभा से भी चुनाव लड़े थे और यहाँ से 5,70,128 मतों से विजय प्राप्त की। ये 2014 की सबसे बड़ी जीत थी। नरेंद्र मोदी ने बड़ोदरा छोड़ दी और वाराणसी सीट आपने पास रखी.

लोकसभा चुनाव 2019

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को 4,79,505 वोट के बड़े मार्जिन से धूल चटाई और काँग्रेस के अजय राय फिर से तीसरे स्थान पर रहे और ज़मानत ज़ब्त करायी। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी की जनता ने पिछली बार से भी ज्यादा समर्थन दिया। इस चुनाव में SP-BSP मे गठबंधन था और इस गठबंधन ने शालिनी यादव को प्रत्याशी बनाया। शालिनी यादव वाराणसी से 1984 मे काँग्रेस से सांसद रहे श्याम लाल यादव की पुत्रवधू है। काँग्रेस ने फिर से अजय राय को मैदान में उतारा।

लोकसभा चुनाव 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार वाराणसी से आज नामांकन दाखिल करेंगे। इस चुनाव में SP-Congress गठबंधन के प्रत्याशी और काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय है।

अजय राय 2014, 2019 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे और ज़मानत भी नहीं बचा पाए। बसपा से अतार जमाल लारी चुनाव लड़ रहे है।

वाराणसी सीट पर अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा, अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछला रिकॉर्ड तोड़ते है या नहीं? कुछ मतदाताओं से बात की तो ज्यादातर का कहना था कि मोदी जीत का एक नया रिकार्ड बनाएंगे।

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