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नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला बिहार के रेहड़ी वाले के खिलाफ दर्ज हुआ, लाखों रेहड़ी वालों की तरह वह भी बेच रहा था रास्ते पर बीड़ी-सिगरेट

Neelu Keshari
1 July 2024 8:58 AM GMT
नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला बिहार के रेहड़ी वाले के खिलाफ दर्ज हुआ, लाखों रेहड़ी वालों की तरह वह भी बेच रहा था रास्ते पर बीड़ी-सिगरेट
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नई दिल्ली। देशभर में आज से लागू हुए नए कानून के तहत दिल्ली में पहला मामला बिहार के रेहड़ी वाले के खिलाफ दर्ज हुआ है। वह भी लाखों रेहड़ी वालों की तरह रास्ते पर बीड़ी-सिगरेट बेच रहा था। यह मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाना इलाके में दर्ज हुआ है, जिसे उप निरीक्षक कार्तिक मीणा ने दर्ज कराई है।

बताया जा रहा है कि देर रात उप निरीक्षक इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे थे, तब वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुट ब्रिज के पास डीलक्स शौचालय के नजदीक पहुंचे। यहां पर एक शख्स अपनी रेहड़ी लगाकर आम रास्ते पर पानी, गुटखा, बीड़ी और सिगरेट बेच रहा था। इससे लोगों को वहां से आवाजाही में परेशानी हो रही थी। उप-निरीक्षक उसे कई बार रेहड़ी हटाने के लिए कहा लेकिन उसने अपनी मजबूरी बताकर रेहड़ी नहीं हटाई। इसके बाद पुलिसकर्मी ने रेहड़ी वाले के खिलाफ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने और आमजन के आने जाने में दिक्कत करने का मामला दर्ज किया है। आरोपी की पहचान पंकज कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार के बाढ़ इलाके का रहने वाला है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली पुलिस तीन नए कानूनों को लागू करने के लिए तैयार है। हमने आज सुबह से नए कानूनों के तहत एफआईआर दर्ज करना शुरू कर दिया है। तो वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सीपी छाया शर्मा ने बताया कि पुराने मामलों को आईपीसी के तहत निपटाया जाएगा। एक जुलाई से जब नए मामले दर्ज किए जाएंगे, तो उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धाराएं लागू होंगी। सभी को इन धाराओं का पालन करना होगा। अब नए मामलों को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धाराओं के तहत निपटाया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को 12 दिसंबर 2023 को लोकसभा में तीन संशोधित आपराधिक विधियकों को पेश किया था। इन विधेयकों को लोकसभा ने 20 दिसंबर, 2023 को और राज्यसभा ने 21 दिसंबर, 2023 को मंजूरी दी थी। ये विधेयक भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लिए हैं।

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