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चंदन टीका लगाने वालों ने राममंदिर के पास जमाया डेरा, सरयू के घाटों और राम की पैड़ी से समेटा काम
चंदन टीका लगाने वालों ने राम मंदिर के पास डेरा जमा लिया है। सरयू के घाटों और राम की पैड़ी के परंपरागत स्थान से अपना काम समेट लिया है। हनुमानगढ़ी में भीड़ बढ़ने पर दोपहर से एकल मार्ग व्यवस्था प्रभावी की गई है।
सरयू में स्नान के बाद घाटों और राम की पैड़ी पर श्रद्धालुओं को चंदन टीका लगाने की परंपरा है। ललाट के साथ चेहरे पर श्रीराम लिखवाने का भी चलन बढ़ा है। यहां पर यह काम करने वाले ज्यादातर पुरोहित मंगलवार को राम मंदिर के आसपास शिफ्ट हो गए।
ऐसा इसलिए कि यहां पर भीड़ अपने पुराने रिकार्ड तोड़ने को आतुर दिखी। उधर, हनुमानगढ़ी पर भक्तों की भीड़ बढ़ी तो दोपहर से दर्शन के लिए एकल मार्ग की व्यवस्था प्रभावी कर दी गई।
रामलला के नवीन विग्रह की स्थापना के बाद मंगलवार को नव्य राम मंदिर के आसपास का नजारा बदला हुआ नजर आया। धर्म-कर्म से जुड़े छोटा व्यवसाय करने वाले ज्यादातर लोगों ने यहीं पर अपना डेरा बना लिया। इसमें सर्वाधिक संख्या चंदन टीका लगाने वाले पुरोहितों की रही।
ऐसे ही एक पुरोहित सुदर्शन तिवारी ने बताया कि आज सरयू घाट और राम की पैड़ी पर ज्यादा भीड़ नहीं आई। इस बीच जानकारी मिली कि भाेर से ही राम मंदिर पर भक्तों की कतार लग गई है तो ज्यादातर पुरोहित यहीं आ गए।
राम मंदिर के सामने रामपथ पर राम मंदिर और रामलला के छोटे प्रतिरूप व केसरिया ध्वज बेचने वालों की संख्या भी बढ़ गई। कुछ युवा रामलला की आकृति के प्रिंट वाली टी शर्ट बेचते नजर आए। इन्हे खरीदने की भी ललक दिखाई दी।
उधर हनुमानगढ़ी के आसपास भी सुबह से ही काफी भीड़ हो गई। मंगलवार होने के चलते वैसे भी इस दिन श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है लेकिन इस मंगल को बात कुछ और थी। रामलला के साथ हनुमंतलला को भी श्रद्धा निवेदित करने की होड़ मची थी।
ऐसे में दोपहर एक बजे से हनुमानगढ़ी जाने वाले प्रमुख मार्ग के श्रंगार हाट बैरियर पर एकल मार्ग व्यवस्था प्रभावी कर दी गई। इधर से मंदिर की ओर पैदल श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया। इसे निकासी मार्ग कर दिया गया। दर्शन के लिए भक्तों को हनुमानगढ़ी चौराहा से मंदिर की ओर भेजा गया।