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सपा और रालोद के बीच इस सीट पर फंसा पेंच, इन सीटों पर लड़ेगी RLD; ऐसे बदले जाएंगे प्रत्याशी!

Divya Dubey
20 Jan 2024 10:04 AM IST
सपा और रालोद के बीच इस सीट पर फंसा पेंच, इन सीटों पर लड़ेगी RLD; ऐसे बदले जाएंगे प्रत्याशी!
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लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से समाजवादी पार्टी और रालोद का गठबंधन हो गया है। शुक्रवार को दोनों पार्टियों के गठबंधन की तस्वीर साफ हो गई। हालांकि सीटों के नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी है। दोनों पार्टियों के बीच मुजफ्फरनगर सीट पर पेंच फंसा है।

लोकसभा चुनाव के लिए सपा-रालोद गठबंधन पर नए सिरे से मुहर लग गई है, लेकिन मुजफ्फरनगर पर दोनों दलों में अभी अंतिम सहमति नहीं बनी है। रालोद के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार को लेकर बात अटक गई है। कैराना, बागपत और मथुरा रालोद के हिस्से में जाने की संभावना है।

कैराना में सिंबल रालोद और प्रत्याशी सपा का रहेगा। शुक्रवार को सपा-रालोद गठबंधन की तस्वीर साफ हो गई। सीटों के नाम पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी है। शुरूआती सहमति में रालोद को सात सीटें दी गई, लेकिन सपा दो से तीन जगह अपने प्रत्याशी उतारना चाहती है।

ऐसे में रालोद के हिस्से में सिर्फ चार या पांच सीट ही रह जाएगी। मथुरा, बागपत और कैराना पर रालोद का सिंबल रहेगा। लेकिन मुजफ्फरनगर पर मामला उलझा हुआ है। नल के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार को रालोद नेतृत्व ने फिलहाल इन्कार कर दिया है।

यह भी संभव है कि मुजफ्फरनगर सीट पर सपा अपने ही सिंबल पर प्रत्याशी उतारे और बिजनौर सीट रालोद के हिस्से में चली जाए। इसी वजह से अंतिम फैसला नहीं हो सका। बागपत और मथुरा में रालोद के प्रत्याशी ही मैदान में उतरेंगे।

आसपा के हिस्से में नगीना

दोनों दलों के बीच हुई बातचीत के बाद यह भी चर्चा है कि आसपा अध्यक्ष चंद्रशेखर सुरक्षित सीट नगीना से चुनाव लड़ेंगे। यही वजह है कि सपा और रालोद ने अपनी बातचीत में नगीना सीट को शामिल नहीं किया है।

इस तरह बदले जाएंगे प्रत्याशी

रालोद और सपा ने विधानसभा चुनाव में भी सिंबल पर सहमति बनाने के बाद प्रत्याशी बदल लिए थे। यही वजह है कि मीरापुर से चौहान और पुरकाजी से अनिल कुमार रालोद के टिकट पर चुनाव जीते थे। इस बार भी कुछ सीटों पर यही फार्मूला अपनाने की तैयारी है।

हरेंद्र मलिक भी पहुंचे लखनऊ

पूर्व सांसद और सपा में पश्चिम के रणनीतिकारों में शामिल पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक भी शुक्रवार सुबह अपने समर्थकों के साथ लखनऊ पहुंचे। गठबंधन पर मुहर से पहले पश्चिम के समीकरण भी जानने की कोशिश दोनों नेताओं ने की। मलिक सपा से टिकट के दावेदार हैं। लेकिन रालोद में अभी उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।

रालोद में इनका नाम आगे

रालोद से टिकट की चाह रखने वालों की लंबी सूची है। शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी, रालोद विधानमंडल दल के नेता राजपाल बालियान, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक चंद्रवीर सिंह की बेटी मनीषा अहलावत के नामों का जिक्र भी खूब होता है।

जयंत सिंह या चारू चौधरी

रालोद के रणनीतिकार पार्टी अध्यक्ष जयंत सिंह के लिए बागपत से बेहतर विकल्प मुजफ्फरनगर को बता रहे हैं। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जयंत सिंह चुनाव लड़ेंगे या नहीं। उनकी पत्नी चारू चौधरी को भी प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है। लेकिन प्रत्याशी का समीकरण चुनाव नजदीक आने के बाद ही स्पष्ट होगा। अगर गठबंधन के दलों के अध्यक्षों ने चुनाव लड़ा तो जयंत सिंह के मैदान में उतरने की संभावना है।

19 में यहां तो 24 में कहां-कहां

साल 2019 के चुनाव में रालोद ने मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा से चुनाव लड़ा था। तीनों जगह हार का सामना करना पड़ा। इस बार अभी तक बागपत, कैराना और मथुरा सीट पर सहमति बनी है। लेकिन अन्य चार सीटों पर अभी भी रस्साकशी चली आ रही है।

Divya Dubey

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