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'शांति के पथ से लड़खड़ा रही है दुनिया', मोहन भागवत बोले- अब भारत से ही रास्ता दिखाने की उम्मीद
Mohan Bhagwat in Hindu Congress थाईलैंड में विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि दुनिया ने 2000 वर्षों से खुशी और शांति लाने के लिए बहुत सारे प्रयोग किए हैं। सभी ने भौतिकवाद साम्यवाद और पूंजीवाद का भी उपयोग किया और विभिन्न धर्मों को आजमाया है और उन्हें भौतिक समृद्धि मिली है लेकिन फिर भी कोई संतुष्टि नहीं है। अब सभी को भारत से उम्मीद है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज थाईलैंड में 'विश्व हिंदू कांग्रेस 2023' को संबोधित किया। कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा कि आज की दुनिया सही राह पर नहीं है और लड़खड़ा रही है।
दुनिया के 2000 वर्षों के प्रयास भी संतुष्टि नहीं दे सके
भागवत ने आगे कहा कि दुनिया ने 2000 वर्षों से खुशी और शांति लाने के लिए बहुत सारे प्रयोग किए हैं। सभी ने भौतिकवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद का भी उपयोग किया और विभिन्न धर्मों को आजमाया है और उन्हें भौतिक समृद्धि मिली है, लेकिन फिर भी कोई संतुष्टि नहीं है।
भारत की ओर देख रही दुनिया
भागवत ने कहा कि अब खासकर कोविड काल के बाद, दुनिया ने पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि दुनिया अब सोच रही है कि भारत ही रास्ता देगा, क्योंकि भारत में वह परंपरा है। भारत ने पहले भी ऐसा किया है और हमारे समाज और हमारे राष्ट्र का जन्म उसी उद्देश्य के लिए है।
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि कुछ महीने पहले विश्व मुस्लिम परिषद के महासचिव भारत आए थे और उन्होंने भी अपने भाषणों में कहा था कि अगर हम चाहें तो विश्व में समरसता आ सकती है, जिसके लिए भारत जरूरी है।भागवत ने कहा कि इसलिए यह हमारा कर्तव्य है और हिंदू समाज अस्तित्व में भी इसी कारण आया।