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भ्रम की राजनीति को देशवासियों ने ठुकराया और भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई है: पीएम मोदी

Tripada Dwivedi
3 July 2024 7:32 AM GMT
भ्रम की राजनीति को देशवासियों ने ठुकराया और भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई है: पीएम मोदी
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नई दिल्ली। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश का संविधान देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह देश की हर सरकार की नीति के लिए लाइट हाउस का काम करता है।

जनता का भरोसा केवल एनडीए पर है

पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने तीसरी पर मौका दिया है। ये चुनाव 10 साल की सिद्धियों पर मुहर तो है ही साथ ही भविष्य के विकास का अवसर भी है। जनता का भरोसा केवल एनडीए पर है।राष्ट्रपति के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी। प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था। पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 सांसदों ने अपने विचार रखे हैं। इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है। इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं।

विपक्ष को राजनीति में देशवासियों ने ठुकराया

विपक्ष के लगातार हंगामे के बीच पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि भ्रम की राजनीति को देशवासियों ने ठुकराया है और भरोसे की राजनीति पर मुहर लगाई है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की आजादी की इतिहास में हमारे संसदीय लोकतांत्रिक यात्रा में कई दशकों के बाद देश की जनता ने एक सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया। 60 साल बाद ऐसा हुआ है कि सरकार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद वापस लौटी है। यह कोई सामान्य बात नहीं है। कुछ लोगों ने जानबूझकर जनता द्वारा दिए गए इस फैसले को धूमिल करने की कोशिश की।

26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए

जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा गया कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे तो मैं हैरान हूं कि जो आज संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, दुनिया में लहराते रहते हैं, उन्होंने विरोध किया था कि 26 जनवरी तो है फिर संविधान दिवस क्यों लाएं? आज संविधान दिवस के माध्यम से स्कूलों और कॉलेजों ​को संविधान की भावना को संविधान की रचना में क्या भूमिका रही है। देश के गणमान्य महापुरुषों ने संविधान के निर्माण में किन कारणों से कुछ चीजों को छोड़ने का निर्णय किया और किन कारणों से कुछ चीजों को स्वीकार करने का निर्णय किया इसके विषय में विस्तार से चर्चा हो। एक व्यापक रूप से संविधान के प्रति आस्था का भाव जगे और संविधान के प्रति समझ विकसित हो। संविधान हमारी प्रेरणा रहे इसके लिए हम कोशिश करते रहे हैं।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया था।

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