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Supreme Court: ज्ञानवापी केस स्थानांतरित करने का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने विरोध में दायर हुई याचिका की खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज्ञानवापी मामले को दूसरी पीठ के पास भेजने के फैसले का विरोध किया गया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी की दलीलें सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद खारिज की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फैसले में दखल नहीं देना चाहिए। हाईकोर्ट्स में यह एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया है और यह मुख्य न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र में आता है। बता दें कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें ज्ञानवापी मामले को एक एकल जज वाली पीठ से लेकर दूसरी पीठ को स्थानांतरित कर दिया था। याचिका खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले को एक पीठ से दूसरी पीठ के पास ट्रांसफर करने का कारण भी दिया गया है लेकिन वह इसे खुली अदालत में नहीं पढ़ सकते।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हुई थी याचिका
हाईकोर्ट की एकल जज वाली पीठ साल 2021 से ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई कर रही थी। बीते दिनों एक पक्ष ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर बताया कि पीठ द्वारा की जा रही सुनवाई में प्रक्रियागत अनियमितता बरती जा रही है। जिसके बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने मामले को दूसरी पीठ को भेजने का आदेश दिया।
बीती 30 अक्तूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई 8 नवंबर तक स्थगित कर दी थी। वहीं 2 नवंबर को वाराणसी की अदालत ने पुरातत्व सर्वेक्षण के विस्तार को 17 नवंबर तक बढ़ा दिया है। दरअसल पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने कहा है कि उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे पूरा कर लिया है लेकिन उन्हें रिपोर्ट ड्राफ्ट करने के लिए कुछ समय चाहिए। पहले एएसआई को अपनी रिपोर्ट 6 नवंबर को जमा करनी थी।