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संविधान की स्थिरता: निर्मला सीतारमण ने भारत के लोकतंत्र की ताकत पर दिया जोर

Tripada Dwivedi
16 Dec 2024 12:14 PM IST
संविधान की स्थिरता: निर्मला सीतारमण ने भारत के लोकतंत्र की ताकत पर दिया जोर
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नई दिल्ली। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के संविधान की स्थिरता और इसकी समय के साथ प्रासंगिकता बनाए रखने की सराहना की। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हुए और उन्होंने अपने संविधानों का निर्माण किया लेकिन कई देशों ने अपने मूल संविधान को बदल दिया। भारत का संविधान, संशोधनों के बावजूद, समय की कसौटी पर खरा उतरा है।

उन्होंने कहा कि 1950 में सुप्रीम कोर्ट के दो ऐतिहासिक फैसलों लिया जिनमें कम्युनिस्ट पत्रिका "क्रॉस रोड्स" और आरएसएस की पत्रिका "ऑर्गनाइजर" के पक्ष में निर्णय दिया गया था। इसके जवाब में तत्कालीन अंतरिम सरकार ने भारतीय संविधान में पहला संशोधन किया, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लाया गया था।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत जो आज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है, मगर अंतरिम सरकार ने संविधान अपनाने के एक वर्ष के भीतर ही स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए पहला संशोधन लाया गया। संविधान के लचीलेपन और उसकी प्रासंगिकता भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करता हैं।

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