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संवाद: क्या 2024 में अरविंद केजरीवाल होंगे संयुक्त विपक्ष का चेहरा? सीएम भगवंत मान ने दिया बड़ा दिलचस्प जवाब

Abhay updhyay
7 Aug 2023 9:34 AM GMT
संवाद: क्या 2024 में अरविंद केजरीवाल होंगे संयुक्त विपक्ष का चेहरा? सीएम भगवंत मान ने दिया बड़ा दिलचस्प जवाब
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मुख्यमंत्री भगवंत मान से 2024 में एकजुट विपक्ष के चेहरे के बारे में सवाल किया गया, जिसके जवाब में सीएम ने बेहद सधा हुआ जवाब देते हुए कहा कि क्या आप 140 करोड़ लोगों को चेहरा नहीं मानते? सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब बीजेपी हारती है तो स्थानीय नेतृत्व को दोषी ठहराया जाता है और जीतती है तो इसे पीएम मोदी की जीत बता दिया जाता है.

सीएम मान ने यह बात 2024 में एकजुट विपक्ष के मद्देनजर कही

आगामी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को चेहरा बनाने के सवाल पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि क्या आप 140 करोड़ लोगों को अपना चेहरा नहीं मानते? चेहरा तो जनता चुनेगी. क्या मैं पंजाब का चेहरा हूं? एक सप्ताह का समय दिया गया, व्हाट्सएप नंबर दिए गए, फिर मेरे बारे में निर्णय लिया गया।' साल 2017 में अमरिंदर सिंह के लिए वोट डाले गए थे, चन्नी कहां से बीच में आ गए?

'देश ही नहीं रहा तो पार्टियों का मतलब क्या?'

सीएम ने कहा, हरियाणा में खट्टर के सामने कौन चेहरा? उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार में कौन चेहरा था. अगर वे हारते हैं तो स्थानीय नेताओं से हार जाते हैं। अगर जीत जाते हैं तो कहते हैं कि मोदी जी की वजह से जीते हैं. जब तमिलनाडु में बीजेपी ने एक सीट जीती तो हंगामा मच गया कि खाता खुल गया, हम भी जीत गए, लेकिन वे हमारे बारे में बात नहीं करते! विपक्षी एकता पर सीएम ने कहा कि विपक्ष देश को बचाने के लिए एकजुट हुआ है. भगवंत मान ने कहा कि राज्य स्तर पर विपक्षी दलों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अगर देश ही नहीं रहेगा तो वे पुतिन के रास्ते पर चलेंगे, फिर पार्टियों का मतलब ही क्या है?

'चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने दे रहे'

कार्यक्रम के दौरान मशहूर पत्रकार मीनाक्षी कंडवाल ने सीएम मान से सवाल किया कि दिल्ली सेवा विधेयक के बहाने एकजुट विपक्ष की ताकत का परीक्षण होना था, लेकिन सरकार को इस विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने में ज्यादा दिक्कत नजर नहीं आ रही है. भी। ऐसे में अब आम आदमी पार्टी की भूमिका क्या होगी? इसके जवाब में सीएम मान ने कहा, 'इसे दिल्ली का बिल न कहें, यह लोकतंत्र बचाने का सवाल है. आप चुनी हुई सरकार को काम नहीं करने देंगे।' दिल्ली में चपरासी भी बदलना पड़े तो क्या प्रधानमंत्री बदलेंगे?

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