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असम में गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेताओं ने कहा- असम में बैन तो गोवा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में क्यों नहीं?
नई दिल्ली। असम सरकार द्वारा रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सरकार का अपना निर्णय है और इसमें कोई राजनीतिक कारण नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि मुख्यमंत्री विपक्ष पर लगाए गए आरोपों के आधार पर राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रियंका ने याद दिलाया कि जब वह झारखंड के प्रभारी थे, तब हिंदू बनाम मुस्लिम का मुद्दा उठाकर चुनाव हार गए थे।
इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आरएसएस नेताओं ने हमेशा कहा है कि इस देश में भोजन पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। अगर असम में गोमांस पर प्रतिबंध लगाया गया है, तो गोवा, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर में ऐसा क्यों नहीं किया गया? जहां उनकी सरकारें हैं, वहां गोमांस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? केवल असम में ही क्यों।
दरअसल, असम सरकार ने बुधवार को रेस्तरां, होटल, सार्वजनिक समारोहों और अन्य सामुदायिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य कैबिनेट की बैठक में गोमांस के उपभोग पर मौजूदा कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद सरमा ने कहा कि असम में हमने फैसला किया है कि किसी भी रेस्तरां या होटल में गोमांस नहीं परोसा जाएगा, न ही किसी सार्वजनिक समारोह या सार्वजनिक स्थान पर इसकी अनुमति दी जाएगी। इसलिए आज से हमने होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस के उपभोग को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है।