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राशिद का एनकाउंटर: कालिया तो मारा गया... लेकिन ये 59 खूंखार बदमाश अभी भी पुलिस के लिए बने सिरदर्द

Abhay updhyay
19 Nov 2023 11:56 AM IST
राशिद का एनकाउंटर: कालिया तो मारा गया... लेकिन ये 59 खूंखार बदमाश अभी भी पुलिस के लिए बने सिरदर्द
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पिंटू हत्याकांड (2020) के बाद से फरार इनामिया बदमाश राशिद कालिया को तो एसटीएफ ने झांसी में मुठभेड़ में मार गिराया, लेकिन 59 दुर्दांत अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इन पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक का इनाम घोषित है। कोई 20 साल से फरार है तो कोई 39 साल से, लेकिन न तो सर्विलांस इन्हें खोज पाया और न पुलिसिया तंत्र। कई बदमाश खूंखार और पेशेवर अपराधी हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौ

जोनवार फरार अपराधियों का आंकड़ा

सबसे ज्यादा सेंट्रल जोन के 19 अपराधी फरार, दक्षिण जोन से 15, पूर्वी जोन से 11 और पश्चिमी जोन से नौ अपराधी फरार।


39 वर्षों से शौकत, 24 वर्षों से फरार नरसिंह पुलिस को दे रहा चकमा

नामी अपराधियों में कर्नलगंज थाना क्षेत्र का शौकत मियां बड़ा नाम है। वर्ष 1984 में हत्या में वांछित शौकत को कर्नलगंज पुलिस 39 वर्षों से नहीं ढूंढ़ पा रही है। वहीं, मैनपुरी के कुसमरा थाना के घडौरा गांव निवासी नरसिंह पनकी थाना क्षेत्र में जुलाई 1999 में डकैती और हत्या के मामले में 24 वर्षों से फरार है। रेलबाजार थाने से वर्ष 2002 में दिनदहाड़े लूट करने वाला अपराधी बाबू खां 21 वर्षों से फरारी काट रहा है। कोतवाली का इनामी अपराधी संतोष गौड़ भी वर्ष 2003 से फरार है।



25 हजार से एक लाख तक के इनामियां बदमाश

थाना चकेरी से फरार राशिद कालिया निवासी हाल पता चिश्तीनगर पर सबसे अधिक इनाम घोषित था। पहले 25 हजार फिर 50 हजार इनाम रखा गया था। मई 2022 में इनाम बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया था। हालांकि राशिद को एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात झांसी में मार गिराया है। इसके अलावा किसान बाबू सिंह की आत्महत्या के मामले में फरार डॉ. प्रियरंजन आशु दिवाकर, बबलू यादव, जितेंद्र समेत चार पर भी एक-एक लाख का इनाम घोषित है।

इसी थाने का राजाबाबू सोनकर 25 हजार का इनामी है। शिवराजपुर थाने का अपराधी जयपाल सिंह निवासी रामपुर सखरेज पर पांच हजार के बाद इनामी राशि बढ़ाकर 25 हजार कर दी गइ्र है। गोविंदनगर कच्ची बस्ती निवासी मोंटू उर्फ विवेक, पनकी, मन्नीपुरवा निवासी दिनेश, मिथुन सेख निवासी पियारपुर थाना राधानगर जिला साहिबगंज (झारखंड) और अमजद अली गुरुबतउल्ला पार्क थाना अनवरगंज पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है।

आठ माह में 45 इनामी पुलिस के हत्थे चढ़े, 10 का समर्पण

कमिश्नरी पुलिस ने बीते आठ माह में 45 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफल भी हुई। इसके अलावा 10 अपराधियों ने कोर्ट में समर्पण कर दिया। इनमें 50 हजार के इनामी अपराधी धर्मवीर निवासी सरदारपुर जोगिनडेरा, थाना मंगलपुर व सौरभ उर्फ नाना निवासी झींझक थाना मंगलपुर कानपुर देहात को रावतपुर पुलिस ने, फहीम थाना ठठिया कन्नौज को बिठूर पुलिस ने गिरफ्तार किया। 25 हजार के इनामी 21 अपराधियों, 20 हजार के इनामी छह अपराधियों को पकड़ा गया है।

लापरवाही के चलते फरार हो गए अपराधी

अधिकारियों की लापरवाही और ध्यान न देने के चलते इनामिया अपराधी फरार हो गए। वहीं लंबा समय होने के चलते उन्होंने अपनी पहचान भी बदल ली होगी। लिहाजा उन तक पहुंचना अब आसान नहीं है। ऐसे अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अब एसटीएफ का ही सहारा है। - आशुतोष पांडेय, एडीजी

आसपास के शहरों में हो सकता है ठिकाना

अधिकतर बदमाश आसपास के शहरों में ही छिपे हो सकते हैं। रहन-सहन के साथ अपराध का तरीका भी बदल चुके हैं। अपराधी थाना प्रभारी और हल्काप्रभारी के कारखास के संपर्क में रहते हैं, जो सूचनाएं उनतक पहुंचा देते हैं। इसके चलते पुलिस के पहुंचने सेे पहले अपराधी फरार हो जाते हैं।- बृजलाल, रिटायर्ड डीजीपी

अपराधियों का थानावार विवरण

थाना संख्या

कोतवाली 06

रेलबाजार 01

चकेरी 08

कल्याणपुर 01

पनकी 02

बिठूर 01

बिल्हौर 01

शिवराजपुर 01

चौबेपुर 01

सचेंडी 02

नौबस्ता 03

बर्रा 03

गोविंदनगर 01

घाटमपुर 01

साढ़ 01

बिधनू 05

हनुमंत विहार 01

कर्नलगंज 02

स्वरूपनगर 01

काकादेव 01

नजीराबाद 08

बेकनगंज 06

अनवरगंज 01

एएचटीयू 01

इनामी बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगातार टीमों को सक्रिय रहने के निर्देश हैं। हाल में कुछ फरार बदमाशों को गिरफ्तार भी किया गया है। फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। -


पिंटू हत्याकांड (2020) के बाद से फरार इनामिया बदमाश राशिद कालिया को तो एसटीएफ ने झांसी में मुठभेड़ में मार गिराया, लेकिन 59 दुर्दांत अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इन पर पांच हजार से लेकर एक लाख तक का इनाम घोषित है। कोई 20 साल से फरार है तो कोई 39 साल से, लेकिन न तो सर्विलांस इन्हें खोज पाया और न पुलिसिया तंत्र। कई बदमाश खूंखार और पेशेवर अपराधी हैं, जो कानून व्यवस्था के लिए चुनौती और वादी पक्ष के लिए दहशत का पर्याय बने हुए हैं।

Abhay updhyay

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