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श्रीलंका से थाइलैंड तक गूंज रही राम धुन, 22 को यहां भी मनाया जाएगा प्राण प्रतिष्ठा उत्सव
भारत में ही नहीं, श्रीलंका, मारीशस, थाइलैंड समेत दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के राम भक्तों को अयोध्या में भगवान राम के विराजने का इंतजार है। 22 जनवरी को इन देशों में भी कई जगह उत्सव मनाया जाएगा। यह कहना है, पुराने किले पर अंतरराष्ट्रीय रामायण में आए विदेशी कलाकारों का। फिलवक्त इनकी रामायण प्रस्तुति राजधानी में ट्रेंड हो रही है।
श्रीलंका की रामायण टीम का नेतृत्व कर रही डॉ उशांति थुरैसिंगम बताती हैं कि रामलला को आने में दो दिन शेष हैं और उन्हें गर्व है कि वह इस शुभ मुहूर्त पर राम के देश में मौजूद हैं। श्रीलंका में भी लोग 22 जनवरी को उत्सव की तरह मनाएंगे। इसकी वजह यह है कि भगवान राम से उनका देश भी परिचित है।
थाइलैंड की रामायण टीम का समन्वय कर रही किट्टीपोरन छैबून का कहना है कि वह तीन दिनों से भारत में हैं। उनके पास थाइलैंड से सोशल मीडिया व फोन पर लोगों की तरह-तरह की खुश करने वाली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। उधर, अंतरराष्ट्रीय रामायण में शनिवार तीसरे दिन मंच भी भगवान राम को समर्पित रहा। मंच के आस-पास चित्रकार लाइव पेंटिंग करते नजर आए।
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित अनुज मिश्र की रामचरितमानस आधारित रामायण से हुई। इस दौरान पूरा माहौल राममय हो गया। इसके बाद थाइलैंड के खोन डांस ग्रुप ने अपने अंदाज में रामायण प्रस्तुत देकर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
अंत में मॉरिशस के कलाकारों ने राम कीर्तन भजन से समां बांध दिया। चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय रामायण का आयोजन इंडियन काउंसिल फॉर कल्चर रिलेशन्स कर रहा है।
विदेशी कलाकारों की प्रतिक्रिया
इलैंड में लोगों को मंदिर जाते हुए देखा है। भगवान राम का किरदार निभाते हुए महसूस करता हूं कि वह पूजा के समय क्या महसूस करते होंगे। पिछले सात सालों से जगह-जगह अपने देश की रामायण में भगवान राम का किरदार निभा रहा हूं। परिवार को नाज है। हमेशा अद्भुत अनुभव होता है।
- जिरत वीजीट्रजिट्लर्स, कलाकार (थाइलैंड)
अपने देश की रामायण टीम में रावण का किरदार निभा रही हूं। भगवान राम के देश में रामायण प्रस्तुत करने का मौका मिला। इसके लिए गौरवान्वित हूं। घर से परिवार वालों के फोन आ रहे हैं। उन्हें खुशी है कि मैं इस वक्त भारत में हूं। श्रीलंका में भी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में उत्साह है।
- अनुजा आनंद, कलाकार (श्रीलंका)
भगवान राम की तरह एक आदर्श पुत्र, पति और भाई होना चाहता हूं। उनके आगमन के समय उनका किरदार को निभाने का मौका मिला है, गदगद हूं। हमारे देश के रहन-सहन और संस्कृति में काफी समानता है। इससे किरदार को मंच पर लाने से पहले जीने में आसानी होती है। अपने देश लौटने के बाद परिवार वालों के साथ जल्द अयोध्या आऊंगा।
- आई सजीत, कलाकार (श्रीलंका)
पिछले 20 सालों से थाइलैंड व अन्य देशों में हनुमान का किरदार निभा रहा हूं। भगवान राम जल्द ही अयोध्या में पधारने वाले हैं, ऐसे समय में यह किरदार उनके देश में निभा पाना भावुक कर देता है। यह अनुभव भगवान राम को समर्पित करता हूं क्योंकि मंच पर हनुमान का किरदार निभाने के लिए वह ही मेरा मार्गदर्शन करते हैं।
- सुफाजिरा पेचप्राकोब, कलाकार (थाइलैंड)