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प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संविधान पर की पहली चर्चा! जानें क्या कह कर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में अपने पहले संबोधन में संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा की। उन्होंने शुक्रवार को संविधान को भारत की आत्मा बताते हुए कहा कि यह हर भारतीय को न्याय और अधिकारों के लिए आवाज उठाने का साहस देता है।
संभल के एक परिवार की घटना का जिक्र करते हुए प्रियंका ने कहा कि संभल के शोकाकुल परिवारों से कुछ लोग हमसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे थे - अदनान और उजैर। उनमें से एक मेरे बेटे की उम्र का था और दूसरा उससे छोटा, 17 साल का। उनके पिता एक दर्जी थे। दर्जी का बस एक ही सपना था - कि वह अपने बच्चों को पढ़ाएगा, एक बेटा डॉक्टर बनेगा और दूसरा भी सफल होगा। पुलिस ने उनके पिता को गोली मार दी। 17 वर्षीय अदनान ने मुझे बताया कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह सपना और उम्मीद उसके दिल में भारत के संविधान ने डाली थी। संविधान ने हर गरीब और वंचित वर्ग को अपने सपने साकार करने का भरोसा दिया है।
उन्होंने जातिगत जनगणना, महिला आरक्षण बिल की देरी और किसानों की समस्याओं को उठाते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज जातिगत जनगणना की बात हो रही है। सत्तापक्ष के साथी ने इसका जिक्र किया। ये जिक्र इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव में ये नतीजे आए। ये इसलिए जरूरी है ताकि हमें पता चले कि किसकी क्या स्थिति है। इनकी गंभीरता का प्रमाण ये है कि जब चुनाव में पूरे विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई जातिगत जनगणना होनी चाहिए। तो इनका जवाब था- भैंस चुरा लेंगे, मंगलसूत्र चुरा लेंगे। ये गंभीरता है इनकी।
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि पहले संसद में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होती थी। किसान और आदिवासी भरोसा करते थे कि कानूनों में बदलाव उनकी भलाई के लिए होंगे। उन्होंने महिला आरक्षण पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या आज की महिलाएं इसे लागू होने के लिए 10 साल तक इंतजार करेंगी। चुनाव के चलते अब महिलाओं की शक्ति को स्वीकारना पड़ा है, जो संविधान ने उन्हें दिया है।
प्रियंका ने कहा कि सरकार की नीतियां उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं, जबकि आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी संसाधन और नीतियां एक ही उद्योगपति के पक्ष में काम कर रही हैं, जिससे देश में असमानता बढ़ रही है।
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में कहा कि सरकार अतीत की बातें करती है, लेकिन वर्तमान की समस्याओं पर कोई जवाब नहीं देती। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, और किसानों की दुर्दशा पर सवाल उठाए, यह आरोप लगाया कि सरकार के कानून बड़े उद्योगपतियों के लिए बनाए जा रहे हैं। प्रियंका ने कहा कि अडानी को बंदरगाह, एयरपोर्ट, रेलवे और खदानें दी जा रही हैं, जबकि आम जनता की अनदेखी हो रही है। उन्होंने सरकार पर संविधान की रक्षा करने के बजाय मुनाफाखोरी का पक्ष लेने का आरोप लगाया।