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पाकिस्तान में फेसबुक, यूट्यूब समेत पूरे सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी, बचकानी वजह बताई
पाकिस्तान की सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें पाकिस्तान में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, एक्स, यूट्यूब और इंस्टाग्राम आदि पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है।
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी हो रही है। पाकिस्तान की सीनेट में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें पाकिस्तान में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, एक्स, यूट्यूब और इंस्टाग्राम आदि पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सीनेटर बहरामंद तांगी ने सीनेट में प्रस्ताव पेश किया है। खास बात ये है कि तांगी का कार्यकाल 11 मार्च को समाप्त हो रहा है।
'देश के धर्म और संस्कृति के खिलाफ'
प्रस्ताव में कहा गया है कि 'युवा पीढ़ी को सोशल मीडिया के नकारात्मक असर से बचाने के लिए इस पर प्रतिबंध लगाया जाए।' प्रस्ताव के अनुसार, 'सोशल मीडिया देश की युवा पीढ़ी को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमारे धर्म और संस्कृति के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इससे लोगों के बीच भाषा और धर्म के आधार पर नफरत पनप रही है।' पाकिस्तान की सीनेट में सोमवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। हालांकि पीपीपी ने तांगी के इस प्रस्ताव से खुद को अलग कर लिया है। पीपीपी ने बीते दिनों तांगी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से बर्खास्त भी कर दिया था।
पीटीआई ने आम चुनाव में सोशल मीडिया पर ही चलाया था कैंपेन
तांगी ने दावा किया कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल देशहित में नहीं है। सोशल मीडिया के जरिए देश के सुरक्षाबलों के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें प्रसारित होती हैं, जो देश में फर्जी नेतृत्व को प्रमोट करती हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध की मांग ऐसे समय उठ रही है, जब हाल ही में हुए आम चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका बेहद अहम रही। दरअसल इमरान खान की पार्टी पीटीआई पर तमाम सरकारी प्रतिबंधों और दबाव के बावजूद सोशल मीडिया के दम पर ही लोगों के बीच अपनी आवाज पहुंचाई और उसके समर्थित उम्मीदवारों ने सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की। हालांकि पीटीआई पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोगों को भड़काने के आरोप भी लगे। ऐसे में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध की कोशिश को भी इमरान खान की पार्टी पर दबाव बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।