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सपा में नहीं खत्म हुई परिवारवाद की राजनीति, इन लोकसभा सीट से मिला यादव परिवार को टिकट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश और बिहार में यादवों की परिवारवाद की राजनीति अपने चर्म पर है। यूपी में अखिलेश यादव ने अपने परिवार में कई लोकसभा सीट से उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय बचा नहीं है। कुछ ही दिनों बाद उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सात चरणों में चुनाव होगा। वहीं, पूर्व सीएम मुलायम सिंह ने राजनीति में परिवारवाद की राजनीति की, उन्होंने सबसे पहले अपने बेटे को कम ही उम्र में राज्य की गद्दी दे दी थी।
हालांकि, अब नेता जी के निधन के बाद भी पार्टी में कोई बदलाव नहीं हुआ। राज्य की चार महत्त्वपूर्ण सीट से सपा के परिवार को टिकट मिला है। फिरोजाबाद लोकसभा से अक्षय यादव को टिकट दिया गया है। 2019 में इन्हें भाजपा के चंद्रसैन जादौरन से करारी शिकस्त मिली थी। लेकिन पार्टी लगातार उन्हें 2014 से टिकट दे रही है। इसके साथ ही यादव परिवार की दूसरी सीट बंदायू है। यहां से शिवपाल यादव ने अपने बेटे आदित्य यादव को टिकट दिलवाया है।
इसके साथ ही मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं और आजमगढ़ से सपा ने अपने परिवार के धमेंद्र यादव का पर्चा भरवाया है। समाजवादी पार्टी में शुरू से परिवार का दबदबा रहा है। धर्मेंद्र यादव पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चचेरे भाई हैं। हालांकि, लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद देखना होगा कि अब यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में यादव समाज कितना महत्तवपूर्ण हैं।