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कांवड़ रूट पर दुकानों के मालिकों के नाम को लेकर गरमायी सियासत! प्रियंका समेत विपक्षी नेताओं ने आदेश वापस लेने की मांग की

Tripada Dwivedi
20 July 2024 9:08 AM GMT
कांवड़ रूट पर दुकानों के मालिकों के नाम को लेकर गरमायी सियासत! प्रियंका समेत विपक्षी नेताओं ने आदेश वापस लेने की मांग की
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर लगी नेमप्लेट पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसका विरोध जताया है। इस आदेश को वापस लेने को कहा है। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों के नाम लिखने का आदेश विभाजनकारी तथा संविधान एवं लोकतंत्र पर हमला है। हमारा संविधान हर नागरिक को गारंटी देता है कि उसके साथ जाति, धर्म, भाषा या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि यह आदेश वापस लिया जाना चाहिए और इसे जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है ताकि भ्रम की स्थिति से बचा जा सके।

वहीं PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमारा संविधान समान अधिकार देता है और किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। भाजपा संविधान का उल्लंघन कर रही है। राहुल गांधी ने सही कहा कि अगर भाजपा 400 पार कर गए तो वह संविधान को नष्ट कर देंगे। मुझे लगता है कि इस चुनाव में उन्हें वोट देने वाले लोगों को यह संकेत मिल गया होगा कि वे किसी भी कीमत पर संविधान को नष्ट करना चाहते हैं। वे मुसलमानों, दलितों के अधिकारों को खत्म करना चाहते हैं।

शिवसेना (यूबीटी) संजय राउत ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को ऐसे आदेशों के माध्यम से देश को विभाजित करने से कोई लाभ नहीं होगा क्योंकि इससे देश की एकता टूटेगी। अब भाजपा खाद्य पदार्थों की दुकानों को जाति और धर्म के आधार पर नेमप्लेट लगाने का निर्देश दे रही है। क्या आप देश को विभाजित करना चाहते हैं? इससे आपको कोई लाभ नहीं होगा। आप देश की एकता को तोड़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिवसेना अपने हिंदुत्व के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन वह समाज में विभाजन पैदा करने का समर्थन नहीं करती है।

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