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पीएम मोदी ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतने वाले ओपन और महिला दोनों वर्गों से की मुलाकात, जानें खिलाड़ियों से क्या हुई पीएम की बातचीत
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में 45वें शतरंज ओलंपियाड में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष और महिला टीमों से बातचीत की। बता दें शतरंज ओलंपियाड में भारत ने ऐतिहासिक विजय जीत हासिल की। भारत ने शतरंज ओलंपियाड में ओपन और महिला दोनों वर्ग में स्वर्ण पदक जीता है।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि एक देश हर क्षेत्र और कार्यक्षेत्र में अपनी महारत और विशेषज्ञता के कारण समृद्ध होता है, और यही एक देश को महान बनाता है। हमारे अंदर कुछ नया, कुछ और करने की भूख होनी चाहिए।
पीएम ने शतरंज के खेल में एआई के इस्तेमाल पर शतरंज चैंपियन से सवाल पूछा, जिस पर शतरंज के ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानंद ने कहा कि एआई के साथ, शतरंज विकसित हुआ है, नई तकनीकें हैं और कंप्यूटर शतरंज में नए विचार दिखा रहे हैं।
पीएम मोदी से मिलने के बाद शतरंज के ग्रैंडमास्टर विदित गुजराती ने कहा कि इतने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद भी उन्होंने हमारे लिए समय निकाला। उन्होंने हमें बहुत प्रोत्साहित किया, जब प्रधानमंत्री ने इतने अच्छे प्रदर्शन के बाद हमारी सराहना की, तो हम और क्या कह सकते हैं।
वंतिका अग्रवाल ने कहा कि मेरा जन्मदिन 28 सितंबर को है और उन्हें यह याद है। उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं 3 दिन बाद क्या करूंगी। मुझे बहुत खुशी हुई। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि उन्हें मेरा जन्मदिन याद है। इसपर डी गुकेश ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने वंतिका के जन्मदिन को याद किया, उससे पता चलता है कि उन्हें खेलों और खेलों के बारे में कितनी परवाह है और वे इसके बारे में कितना जानते हैं।
तानिया सचदेव ने कहा कि हमने उनके अनुभवों से बहुत कुछ सीखा, दबाव को कैसे संभालना है। खेलों के प्रति उनका लगाव और इस मुलाकात ने हमें बहुत जोश से भर दिया। वैशाली रमेशबाबू ने कहा कि जब मैंने अपना परिचय दिया, तो सबसे पहले उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हारा भाई कहां है और तुम्हारे माता-पिता कैसे हैं। यह वाकई बहुत अच्छा लगा। उन्हें याद करके बहुत अच्छा लगा। आर प्रज्ञानंद ने कहा कि सर को कई चीज़ों के बारे में बहुत जानकारी है। वह हमें सहज महसूस कराते हैं और मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।
हरिका द्रोणावल्ली ने कहा कि कुछ समय बाद, हम बातचीत में इतने मशगूल हो गए कि हम भूल गए कि हम प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं। वह बहुत ही विनम्र हैं। मैं इस अनुभव को हमेशा याद रखूंगी। दिव्या देशमुख ने कहा कि ऐसा लगा ही नहीं कि वह प्रधानमंत्री हैं। वह बहुत विनम्र थे और उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी सहज रहें। माहौल बहुत शांत था। एक बात जो मेरे लिए सबसे अलग थी, वह यह थी कि प्रधानमंत्री होने के बावजूद वह कितने विनम्र हैं। अभिजीत कुंटे ने कहा कि पीएम को इस बात में बहुत दिलचस्पी थी कि यह एक अनोखी उपलब्धि है जिसे दोनों टीमों ने जीता है। पूरी दुनिया को यह पता चलना चाहिए।