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पीएम मोदी ने कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन का किया उद्धाटन, कहा- आज भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है
-आज भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है: पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन में 75 देशों के एक हजार प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत जितना प्राचीन है उतनी ही प्राचीन कृषि और भोजन को लेकर हमारी मान्यताएं हैं, हमारे अनुभव हैं। भारतीय कृषि परंपरा में विज्ञान को प्राथमिकता दी गई है। हजारों साल पहले हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि सभी पदार्थों में अन्न श्रेष्ठ है इसलिए अन्न को सभी औषधियों का स्वरूप उनका मूल कहा गया है। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि से जुड़ी शिक्षा और अनुसंधान से जुड़ा एक मजबूत इकोसिस्टम बना हुआ है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ही 100 से ज्यादा रिसर्च संस्थान हैं। भारत में कृषि और उससे संबंधित विषयों की पढ़ाई के लिए 500 से ज्यादा कॉलेज हैं। भारत में 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र हैं जो किसानों तक नई तकनीक पहुंचाने में मदद करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार जब आईसीएई सम्मेलन भारत में हुआ था वो भारत की कृषि औक खाद्य सुरक्षा को लेकर चुनौतीपूर्ण समय था। भारत को नई-नई आजादी मिली थी। आज भारत एक खाद्य अधिशेष वाला देश है। आज भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। आज भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा और वैश्विक पोषण सुरक्षा के समाधान देने में जुटा है। एक वो समय था जब भारत की फुड सिक्योरिटी दुनिया की चिंता का विषय था, और एक आज का समय है, जब भारत ग्लोबल फुड सिक्योरिटी, ग्लोबल न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के सॉल्यूशंस देने में जुटा है।
उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर हमारे इकोनॉमिक पॉलिसी का केंद्र है। हमारे यहां करीब 90% परिवार ऐसे हैं, जिनके पास बहुत कम जमीन हैं, ये छोटे किसान ही भारत की फुड सिक्योरिटी की सबसे बड़ी ताकत हैं। यही स्थिति एशिया के कई विकासशील देशों में है, इसलिए भारत का मॉडल कई देशों में काम आ सकता है। भारत, बाजरा का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है। जिन्हें दुनिया सुपरफूड कहती है और उसे हमने श्रीअन्न की पहचान दी है। ये न्यूनतम जल, अधिकतम उत्पादन के सिद्धांत पर चलते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के अलग-अलग सुपरफूड ग्लोबल न्यूट्रिशन की समस्या को समाप्त करने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं। भारत अपने सुपरफूड की इस बास्केट को दुनिया के साथ साझा करना चाहता है। मुझे पता नहीं है कि दुनिया में कहीं किसी किसान की कोई प्रतिमा हो लेकिन भारत में आजादी के आंदोलन में जिस महापुरुष ने किसान शक्ति को जागृत किया, किसानों को आजादी के आंदोलन से जोड़ा, उस किसान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा भारत में है।
तो वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की कृषि विकास दर दुनिया में सबसे ज्यादा बनी हुई है। उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ भारत की चिंता भी रही है कि वो उत्पादन मानव शरीर के लिए भी और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित उत्पादन हो। भारत अब प्राकृतिक खेती पर बल दे रहा है।