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वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाएं, कहा- यह बिल संविधान का उल्लंघन है
नई दिल्ली। कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 संसद में पेश किया। इस पर विपक्ष नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसे लोग भी थे जो बोलना चाहते थे लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया क्योंकि बहुत सारे लोग इस बिल को लाने के खिलाफ हैं। यह असंवैधानिक है। इसे कमेटी में चर्चा होने दीजिए उसके बाद ही हम कुछ कहेंगे।
RJD सांसद मीसा भारती ने कहा कि हमारी भी मांग थी कि इसे JPC में रखा जाए। जिस तरह हड़बड़ी में इस बिल को लाया गया है तो मंत्री और सरकार भी अस्पष्ट थे क्योंकि विपक्ष इससे जुड़े जो सवाल उठा रहे थे उनके पास उसका जवाब नहीं था। कई बिंदु हैं जिन पर चर्चा नहीं हुई है। राज्यों के साथ इस पर चर्चा नहीं हुई है। सरकार खुद ही कह रही है कि इस बिल को कमिटी के पास भेज दिया जाए।
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल पेश होने से पहले हमने स्पीकर को नियम 72 के तहत नोटिस भेजा था कि हम इस बिल के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि यह विधेयक अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। यह विधेयक संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करता है। यह विशेष रूप से न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन करता है। आप उन मस्जिदों को छीनना चाहते हैं जिन पर आरएसएस दावा कर रहा है। उन दरगाहों को छीनना चाहते हैं जिन पर दक्षिणपंथी हिंदुत्व संगठन दावा कर रहे हैं। इसमें कई धाराएं हैं जो खतरनाक हैं। वे वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं हैं बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके सभी तर्क झूठे हैं।
अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि जमीन हड़पना, ज़मीन बनाने का कारोबार पूरे देश में केंद्र सरकार कर रहे हैं। अगर आप संविधान का अनुच्छेद 26 देखेंगे को उसमें जो प्रावधान है यह बिल उसके खिलाफ है। यह बिल संविधान का उल्लंघन है।