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एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने पाकिस्तान जाने के सवाल पर विदेश मंत्री ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से द्विपक्षीय वार्ता से इनकार किया
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नई दिल्ली। दिल्ली में हो रहे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एक ‘पुरानी कंपनी’ की तरह है जो बदलते वैश्विक परिदृश्य के साथ तालमेल नहीं बैठा पा रही है लेकिन ‘बाजार में जगह घेर रही है।’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र समय से काफी पीछे हो गया है। जब दुनिया में स्टार्ट अप और नवाचार होते हैं तो अपने तरीके से काम करना शुरू कर देते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र कामकाज में भले ही कितना भी खराब क्यों न हो, यह अभी भी बहुपक्षीय है। मगर जब यह प्रमुख मुद्दों पर अपने कदम उठाता तो देश अपने तरीके खोजते हैं।
उन्होंने कहा कि अभी ठीक वैसा ही हो रहा है, जैसा कोविड के दौरान हुआ था। तब देशों ने अपना काम किया। देशों के एक समूह ने कोवैक्स जैसी पहल की थी। उन्होंने कहा कि अब मुद्दों पर सहमत होने के लिए देश एक साथ आ रहे हैं। उनका संयोजन बढ़ रहा है। भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा आईएमईसी, वैश्विक हितों की देखभाल के लिए हिंद-प्रशांत में क्वाड, अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन आईएसए और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए बना गठबंधन सीडीआरआई इसके उदाहरण हैं। यह सभी निकाय संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के बाहर आते हैं।
एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने पाकिस्तान जाने के सवाल पर विदेश मंत्री ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से द्विपक्षीय वार्ता से इनकार करने की बात कही। जयशंकर ने कहा कि मैं वहां एक निश्चित काम एक निश्चित जिम्मेदारी के साथ करने लिए जा रहा हूं। मैं अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेता हूं। मैं एससीओ बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जा रहा हूं।