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मायावती ने कर दिया खेला! अखिलेश या योगी किसकी बजह से कटा टिकट? जानिए अंदर की बात! जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का बसपा ने काटा टिकट। सांसद श्याम सिंह यादव फिर बने उम्मीदवार।
दिल्ली: यूपी की जौनपुर लोकसभा सीट आज बड़ी चर्चा मे है, नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया और 2019 के चुनाव में जीते श्याम सिंह यादव को फिर से उम्मीदवार बना दिया।
जौनपुर से बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया तो समाजवादी पार्टी ने कभी मायावती के करीब रहे बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया और बसपा ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह को उम्मीदवार बनाया, जबकि 2019 में बसपा से जीते श्याम सिंह यादव का टिकट काट दिया।
पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह टिकट घोषित होने के बाद से लगातार चर्चाओं में है अभी चार दिन पहले ही नामांकन दाखिल किया है और जेल से आने के बाद धनंजय सिंह ने कहा था मैं प्रचार मे उतरेंगे।
बसपा प्रमुख मायावती ने आज नामांकन के आखिरी दिन श्रीकला सिंह का टिकट काट दिया और श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बना दिया। श्याम सिंह यादव के बारे अगर बात करे तो ये पहले राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे और रिटायर्ड होने के बाद 2019 में जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार घोषित हुए।
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से सिर्फ तीन ही यादव उम्मीदवार जीते, जिसमें 2 समाजवादी पार्टी से स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव (मैनपुरी ) और अखिलेश यादव (आज़मगढ़) से जीते, इसके अलावा श्याम सिंह यादव भी बसपा से जीते।
अब हम 2024 के चुनाव की बात करे तो समाजवादी पार्टी ने 5 यादव को उम्मीदवार बनाया जिसमें खुद अखिलेश यादव (कन्नौज) , डिम्पल यादव (मैनपुरी) , अक्षय यादव (फिरोजाबाद) , आदित्य यादव (बदायूं) और धर्मेंद्र यादव (आज़मगढ़) सभी अखिलेश यादव के
परिवारजन है। इससे यादव समाज के अन्य नेताओ मे नाराजगी है।
इसी को समझकर बसपा प्रमुख मायावती ने श्याम सिंह यादव को अचानक से उम्मीदवार घोषित कर दिया और यादव समाज में यह संदेश देने की कौशिश की वहीं अकेली उनको राजनीतिक हिस्सेदारी दे रही है और समाजवादी पार्टी सिर्फ उनका इस्तेमाल कर रही है।
यूपी मे यादव मतदाता 8-9% है और राजनीतिक रूप से जागरूकत है। बसपा की रणनीति है यदि कुछ यादव वोट भी उन्होंने काट लिया तो उनका मुल दलित मुस्लिम के साथ यादव वोट भी मिल गया तो अच्छी सीटें जीत सकती है।
ये तो 4 जून के परिणाम ही बता पाएंगे कि कितना यादव वोट किसको जाता है।