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Manipur: एडिटर्स गिल्ड ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा, सदस्यों के खिलाफ दर्ज FIR रद्द कराने की मांग
4 सितंबर को मणिपुर सरकार ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. अब एडिटर्स गिल्ड ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपने सदस्यों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है. वहीं, शीर्ष अदालत आज इस मामले पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है. आपको बता दें, पिछले दिनों एडिटर्स गिल्ड ने मणिपुर सरकार पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
सीएम ने कहा- जमीनी हकीकत देखें
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा था कि 'मैंने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को भी चेतावनी दी है कि अगर वे कुछ करना चाहते हैं तो पहले हिंसा प्रभावित जगहों का दौरा करें और जमीनी हकीकत देखें. सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से मिलें और फिर एक रिपोर्ट तैयार करें. सिर्फ कुछ वर्ग के लोगों से मिलकर किसी नतीजे पर पहुंचना निंदनीय है. राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के उन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो राज्य में हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
पीसीआई ने एफआईआर वापस लेने की मांग की
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सोमवार को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की तथ्यान्वेषी समिति के तीन सदस्यों और उसके प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की निंदा की। पीसीआई ने कहा था कि यह राज्य में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने के बजाय दूत को गोली मारने का मामला है। उन्होंने कहा था कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्यों के खिलाफ एफआईआर को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
यही विवाद है
बता दें कि हाल ही में एडिटर्स गिल्ड ने दावा किया था कि मणिपुर की जातीय हिंसा पर एकतरफा मीडिया रिपोर्टिंग हुई है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पर पक्षपात करने का भी आरोप लगाया. एडिटर्स गिल्ड के जिन सदस्यों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर शामिल हैं। सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर ने पिछले हफ्ते मणिपुर का दौरा किया और यहां मीडिया रिपोर्टिंग का अध्ययन किया।
एडिटर्स गिल्ड सदस्यों की रिपोर्ट को फर्जी और मणिपुर सरकार द्वारा प्रायोजित बताया गया है. एफआईआर में बताया गया है कि रिपोर्ट में गलत तथ्य बताये गये हैं. जुलाई में भी मणिपुर सरकार ने तीन महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इन महिलाओं की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने यह भी कहा था कि राज्य में चल रही हिंसा सरकार प्रायोजित है.|